Ayodhya : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आज 12 लाख दीपक जलाये जायेंगे. खबरों के अनुसार 12 लाख दीयों में राम की पैड़ी पर नौ लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में तीन लाख दीपक प्रज्जवलित होंगे. राम जन्मभूमि परिसर में 51,000 दीपक जलेंगे. अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा के भीतर लगभग सभी पौराणिक स्थानों, कुण्डों, मंदिरों पर दीपक जलेंगे. यही नहीं अयोध्या से इतर बस्ती जनपद के मखोड़ा धाम सहित 84 कोसी परिक्रमा के भीतर आने वाले कई स्थानों पर दीप जलेंगे.
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मखौड़ा धाम में महाराज दशरथ ने पुत्रेष्ट यज्ञ कराया था
जान लें कि मखौड़ा धाम वही स्थान है, यहां महाराज दशरथ ने पुत्रेष्ट यज्ञ कराया था. जिसके बाद राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न का महाराज दशरथ के घर जन्म हुआ था. बता दें कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने गिनती शुरू कर दी है. इससे पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने अयोध्या में भगवान राम की शोभा यात्रा को रवाना किया. इस अवसर पर अयोध्या में झांकियांनिकाली जाएंगी. केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, राज्यपाल आनंदी बेन और सीएम योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम में शामिल होंगे.
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की सरकार बनने के साथ ही 2017 में अयोध्या राम की पैड़ी पर दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी, सबसे पहले 1,80, 000 दीपक जलाये गये थे. इस क्रम में 2018 में 3,01,152, फिर 2019 में 5,50,000, फिर 2020 में 5,51000 दीये जलाये गये थे. और अब 2021 में योगी सरकार अयोध्या में कीर्तिमान बनाने जा रही है,
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सीएम योगी ने हर मंदिर में भोग और दीये भेजे
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के हर मठ मंदिर के लिए भोग का प्रसाद और दीपक भेजे हैं. हर मठ, मंदिर में दीपक जलेंगे. भगवान को भोग लगाया जायेगा. अयोध्या में इस बार जलाये जाने वाले दीपो की संख्या पिछले साल की तुलना में काफी अधिक है.
छात्र-छात्राएं वॉलिंटियर के रूप में योगदान दे रहे हैं
अयोध्या में चाहे राम की पैड़ी हो या फिर राम जन्मभूमि परिसर, जब दीपकों की रोशनी यहां नजर आयेगी. तब कई बच्चों के चेहरों पर एक खुशी भी दिखाई देगी, दरअसल, ये वही बच्चे हैं जिन्होंने इस दीपोत्सव के लिए बहुत कठिन मेहनत की है. दीपोत्सव में इस बार 45 स्वयं सेवी सहायता के लोगो के अलावा 15 महाविद्यालय , 5 कॉलेज , 35 राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी की अलग-अलग फैकल्टी के छात्र-छात्राएं वॉलिंटियर के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं. इनकी कुल संख्या 12 हजार के करीब है. दीपकों को जलाने के लिए 36,000 लीटर सरसों के तेल का उपयोग किया जायेगा.