धनबाद: झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (झमाडा) के अधिकारियों और कर्मियों के दाग नहीं धुल रहे हैं. कर्मियों की नियुक्ति में गड़बड़ियों के बाद अब वेतन घोटाला सामने आया है. 17 कर्मचारियों पर अपने वेतनमान से अधिक राशि लेने का आरोप है. झमाडा में वर्ष 2020 से 2021 में हुए ऑडिट से इस बात का खुलासा हुआ है. इनमें से कुछ कर्मी सेवानिवृत भी हो चुके हैं. अब प्रभारी एमडी सतेंदर कुमार इन कर्मियों से एक करोड़ 88 लाख, 19 हजार 287 रुपए वसूलने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वित्त विभाग के ऑडिट से यह खुलासा हुआ है कि 17 कर्मचारी अपने वेतनमान से लाखों रुपए अधिक ले चुके है. उन्हें यह राशि अब वापस करनी होगी.
पूरा मामला क्या है ?
वर्ष 1977 में कर्मियों का वेतनमान सचिवालय के समकक्ष था.1995 में बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के समान वेतनमान देय होगा. सहायकों का वेतनमान चार हजार से छह हजार रुपए कर दिया गया. जबकि 5500 से 9000 तक वेतनमान कर्मचारी उठा रहे थे. राशि कटौती होने पर कर्मचारी न्यायलय की शरण में गए. 2016 में न्यायलय ने बोर्ड की बैठक को सही मानते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाया. साथ ही कहा कि जो राशि अधिक ली गयी है, वह मालमा कोर्ट में विचारधीन है. कर्मचारी 1995 से 2016 तक पुराने वेतनमान ही उठा रहे थे. इसी बीच 2016 से 18-19 का वित्त विभाग का ऑडिट हुआ. जिसमें यह मामला सामने आया कि 17 कर्मचारी वेतनमान से अधिक राशि ले चुके हैं. जिसपर आपत्ति दर्ज की गई. इसी आलोक में प्रभारी एमडी ने आपत्ति दर्ज करते हुए लोगों को नोटिस भेजने की तैयारी की है. यह राशि विभाग के फंड में जमा की जाएगी.
वेतन से अधिक राशि लेने वाले कर्मचारियों की सूची
अमिय कुमार दुबे, दिनेश कुमार सोरेन, बालीराम सिंह, जगदीश प्रसाद, रवि भूषण बेडसेन, गंगा विष्णु सिंह, जीतेन्द्र नाथ राय, शिव कुमार झा, अंजन चक्रवर्ती, शशि शेखर, धरनीधर मिश्रा, जलेश्वर सिंह, शेख अब्दुल मन्नान, अशोक कुमार शुक्ला, समरेन्द्र प्रसाद, कमलेश कुमार.