ढोल नगाड़ों की गूंज, पारंपरिक रीति रिवाज से विवाह संपन्न
मिली सामाजिक मान्यता, विवाहित जोड़ों के चेहरे पर खुशी की चमक
Gumla: गुमला शहर से सटे तेलगांव में रविवार को उत्सवी माहौल था. सामूहिक विवाह समारोह में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. बजते ढोल, नगाड़ों के बीच पारंपरिक विधि विधान से 101 जोड़े विवाह सूत्र में बंध गए. नवयुवक संघ तेलगांव की ओर से आयोजित चतुर्थ सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 101 वधुओं की मांगों में नए भविष्य के उजाले का सिंदूर भरा गया. जिसके साक्षी न सिर्फ तेलगांव के ग्रामीण बने, बल्कि अन्य शहरों से आए लोगों ने भी वर-वधुओं को जी भरकर आशीर्वाद दिया. सभी जोड़े खुश थे. उनके चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे. सामाजिक मान्यता और लोगों के आशीर्वाद ने उन्हें खुशी से भर दिया. इस आयोजन को सफल बनाने में नवयुवक संघ के सदस्यों और खासकर उसके संरक्षक जगरनाथ उरांव, अध्यक्ष कृष्णा उरांव, तपेश्वर सिंह तथा रमेश चौधरी जैसे लोगों की विशेष भूमिका रही.
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ऐेसे आयोजनों से मिलती है खुशी : जगरनाथ उरांव
पुलिस की नौकरी से सेवानिवृति के बाद जगरनाथ उरांव पिछले कई साल से सामाजिक कार्यों में लगे हैं. उनकी देखरेख में यह चौथा सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया. एक सवाल के जवाब में जगरनाथ उरांव ने कहा कि पुलिस की नौकरी के दौरान उन्होंने जनसेवा का काम किया है. लेकिन सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन से विशेष खुशी हो रही है. वह आगे भी ऐसे काम करते रहेंगे. वह कहते हैं कि आज के दौर में हमारे समाज में बहुत से लोग हैं, जो पैसे के अभाव में समारोहपूर्वक शादी नहीं कर पा रहे हैं. तो बहुत से ऐसे हैं कि वे लीव इन रिलेशन में रहने को मजबूर हैं. उनमें लोक-लाज का भाव भी है. हमारी कोशिश इस समारोह के माध्यम से ऐसे लोगों को सामाजिक मान्यता प्रदान करना है. हमें इस काम में बहुत से लोगों का सहयोग मिल रहा है. जिसके माध्यम से हमारा संगठन यह काम कर पा रहा है. मैं उन सभी के प्रति आभार प्रकट करता हूं और दिल से उन्हें धन्यवाद देता हूं.
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ग्रामीणों का भरपूर सहयोग
तेलगांव में आयोजित होने वाले इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम की चर्चा झारखंड ही नहीं बल्कि राज्य के बाहर भी है. यही वजह है कि चौथे वर्ष के इस कार्यक्रम में बंगाल, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के जोड़े भी समारोह में पहुंचे थे. बताया गया कि समारोह आयोजन में तेलगांव के ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के गांवों का भी भरपूर सहयोग मिलता है. समारोह में बड़े भोज का भी आयोजन किया जाता है. जिसमें गांव के ग्रामीण अपने सामर्थ के अनुसार चावल, दाल और अन्य सामग्री का सहयोग करते हैं. यह भोज दोपहर से शुरु होक शाम तक चलता है.