Ranchi: रांची यूनिवर्सिटी यूनिवर्सिटी 22 मार्च तक परीक्षा परिणाम की समीक्षा करेगी. बता दें कि आरयू के ग्रेजुएशन सेमेस्टर-4 के छात्रों ने इसकी मांग की थी. इसी के साथ सेमेस्टर-5 में परीक्षा फार्म भरने की तिथि में विस्तार किये जाने का फैसला लिया गया. परीक्षा विभाग से प्राप्त आकड़ों के अनुसार 18 मार्च तक सेमेस्टर-5 के कुल 28,150 विद्यार्थियों में से 23,764 ने सफलतापूर्वक अपना परीक्षा फार्म भर लिया है. सेमेस्टर-4 के परीक्षा परिणाम में 1,314 विद्यार्थियों के मध्यावधि सेमेस्टर परीक्षा के अंक संबंधित महाविद्यालयों से प्राप्त नहीं हुए हैं, इसके कारण उनका परीक्षा परिणाम लंबित है. संबंधित महाविद्यालयों से मध्यावधि परीक्षा अंक प्राप्त होते ही विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम प्रकाशित कर दिया जाएगा. प्रथम चरण में सेमेस्टर-4 के परीक्षा परिणाम में कोई समस्या प्रतीत नहीं हो रही है. रांची विश्वविद्यालय के परीक्षा परिनियम के अनुसार किसी भी विद्यार्थी को अपने सेमेस्टर-1 से 4 तक के कुल 20 विषय-पत्रों में से कम से कम 12 विषय-पत्रों में उतीर्ण होना जरुरी है. इसके पश्चात ही उन्हें सेमेस्टर-5 की परीक्षा में भाग लेने की अनुमति मिल सकेगी.
इससे पहले छात्र-छात्राओं ने किया था विरोध
इससे पहले, रांची विश्वविद्यालय के अलग-अलग कॉलेजों के करीब 500 छात्र-छात्राएं विरोध-प्रदर्शन करने सोमवार को एकबार फिर विवि पहुंचे थे. छात्रों का आरोप है कि यूजी सेमेस्टर 4 में 1600 में महज 37 छात्रों को ही पास किया गया है. 1563 छात्रों को प्रमोट कर दिया गया. इसके विरोध में छात्र 11 बजे विश्वविद्यालय पहुंचे, और प्रदर्शन शुरू कर दिया. आक्रोशित छात्र सेमेस्टर 4 में सभी को पास करने की मांग कर रहे थे, इसको लेकर नारेबाजी भी की. छात्रों की मांग थी कि सेमेस्टर 4 के सभी विद्यार्थियों को पास किया जाए साथ ही पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाई जाए.
बता दें कि रांची विश्वविद्यालय की ओर से 11 मार्च को नोटिस जारी कर निर्देश दिया गया था कि सेमेस्टर-4 के छात्रों का प्रतिवेदन कॉलेजों में लेना है. संबंधित कॉलेज प्रतिवेदन लेकर विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग को दे दें, लेकिन किसी भी कॉलेज ने प्रतिवेदन न ही छात्रों से लिया और न ही परीक्षा विभाग को दिया.
क्या है नियम
किसी सेमेस्टर में यदि छात्र प्रमोट होते हैं, उन्हें आगे के सेमेस्टर की परीक्षा देने दिया जाता है, लेकिन लास्ट सेमेस्टर में तब ही परीक्षा देने दिया जाएगा, जब वह सारे सेमेस्टर में पास होंगे.
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क्या है छात्रों की मांग
हर हाल में सेमेस्टर चार के छात्र-छात्राओं को पास किया जाये.
तत्काल सेमेस्टर पांच के परीक्षा फॉर्म को बंद कर डेट को आगे बढ़ाया जाये.
छात्र जिस विषय में फेल हुये हैं, उसी का फीस लिया जाये.
सेमेस्टर चार में ग्राफ थ्यूरी का पेपर आउट ऑफ सिलेबस आया था, इसको लेकर सकारात्मक निर्णय लिया जाये.
22 मार्च को छात्रों की मांग पर होगा निर्णय
छात्रों के प्रदर्शन और हंगामा के बाद विश्वविद्यालय ने एक नोटिस जारी किया है जिसमें 22 मार्च को छात्रों की मांग पर निर्णय लेने की बात कही गई है. वहीं छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय के रवैया से तो लग रहा है कि उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं होगी 22 मार्च के निर्णय पर छात्रों का आंदोलन निर्भर करेगा.