Amit Singh
Ranchi : तथ्य : एक- जहां सेंटर खुले थे, वहां कोई सेंटर नहीं है.
दो- किसानों के हित में 12 तरह के कार्य होने थे, कुछ नहीं हुआ
तीन- कई सेंटर खुले ही नहीं, उनके नाम पर भुगतान हुआ
चार- ज्यादातर सेंटर माह में एक से दो दिन ही खुलते थे
पांच- खुलने के कुछ ही दिनों के बाद सेंटर बंद हो गए
छह- सेंटर खुला, मगर उसमें काम करनेवाला कोई नहीं था
सात- जांच के लिए लाए गए मिट्टी के सैंपल सेंटर में पड़े रह गये
आठ- हेल्थ कार्ड के लिए कागजी रिपोर्ट तैयार की गयी
ये आठ तथ्य, कृषि विभाग की उस योजना की जांच रिपोर्ट के हैं, जिसकी शुरुआत किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए की गयी थी. वित्तीय वर्ष 2016-17 में योजना की शुरुआत हुई थी. किसानों के फायदे के लिए कोई काम नहीं हुआ और 73 करोड़ का भुगतान कर दिया गया. तब राज्य में रघुवर दास की सरकार थी और रंधीर कुमार सिंह कृषि मंत्री हुआ करते थे. तथ्यों से साफ है कि योजना के नाम पर बड़ा घोटाला कर दिया गया. जांच रिपोर्ट के मुताबिक षड्यंत्र के तहत 73 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता (घोटाला) की गई. जांच करने वाली समिति ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने की अनुशंसा की है, ताकि घोटाले से जुड़े लोगों को सजा दी जा सके.
जानकारी के मुताबिक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वर्ष 2016-17 में सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया गया था. राज्य भर में जगह-जगह सेंटर खोले गए थे. सेंटर के संचालन का जिम्मा निजी संस्थाओं को दे दिया गया था. वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक तीन सालों तक निजी संस्थानों को करीब 73 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. लेकिन इसका कोई लाभ किसानों को नहीं मिला.
पूरे मामले की शिकायत मिलने के बाद 10 फरवरी 2020 को सरकार ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था. टीम का नेतृत्व कृषि निदेशक कर रहे थे. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि कागजी आंकड़ों के आधार पर भुगतान किया गया. किसानों को किसी तरह की सुविधा नहीं दी गई. और सेंटर संचालकों ने राशि हड़पने का काम किया है. विभाग के अफसरों ने भी काम की जांच किए बिना भुगतान कर दिया.
सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने का उद्देश्य
- -किसान खेती के आधुनिक तकनीक, केसीसी कार्ड, कृषि से संबंधित लाइसेंस, सब्सिडी दर पर उपकरण, फसल बीमा योजना सहित अन्य योजनाओं की जानकारी और लाभ प्राप्त करेंगे.
- – किसानों को भूमि संरक्षण, मत्स्यपालन, पशुपालन, गव्यपालन से संबंधित जानकारी एक ही जगह मिल पायेगी.
- – किसानों को जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए यूरिया-डीएपी खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग करने को लेकर जागरूक करना.
इसे भी पढ़ें : DSP साजिद जफर ने पोस्टिंग पर उठाया सवाल, फेसबुक पर लिखा – मैंने नौकरी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया