Ranchi: हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. अब झारखंड में 11 मंत्री हो गए. अधिकतम 12 मंत्री बन सकते हैं. राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू ने दिवंगत पूर्व मंत्री हाजी हुसैन के बेटे हफीजुल हसन ने मंत्री पद की शपथ दिलायी. इस मौके पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के तमाम दिग्गज मौजूद थे.
जेएमएम की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री चंपई सोरेन और मंत्री मिथिलेश ठाकुर मौजूद थे. वहीं कांग्रेस की तरफ से मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक दीपिका पांडे सिंह और कई बड़े शख्सियत मौजूद थे.
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हफीजुल बिना विधायक बने दूसरे मंत्री
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि झारखंड में बिना विधायक बने कोई मंत्री बन रहा हो. इससे पहले मधु कोड़ा की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे भानु प्रताप शाही को को दवा घोटाले के आरोप में जेल जाना पड़ा था. भानू प्रताप के जेल जाने के बाद उनके पिता हेमेंद्र प्रताप देहाती ने मंत्री पद की शपथ ली थी. और उन्हे भी स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था. दिवंगत मंत्री हाजी हुसैन के बेटे हफीजुल ऐसा कर रहे हैं. ऐसा करने के पीछे जेएमएम चुनाव से पहले ही मधुपुर सीट पर जीत सुनिश्चित करना चाहता है.
कुछ दिनों पहले राजद ने इस सीट से चुनाव लड़ने का दावा ठोका था. राजद का कहना था कि इससे पहले दो उपचुनाव में कांग्रेस और जेएमएम को चुनाव लड़ने का मौका मिला है. इसलिए गठबंधन में रहने के नाते मधुपुर उपचुनाव में राजद को मौका मिलना चाहिए. लेकिन हेमंत के मास्टर स्ट्रोक से राजद का चुनाव लड़ना खारिज हो गया. अब किसी भी हाल में मधुपुर से हफीजुल हसन ही चुनाव लड़ेंगे.
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बिछने लगे मधुपुर में सियासी बिसात, निशिकांत की साख दांव पर
पूर्व मंत्री हाजी हुसैन के गुजरने के बाद से ही मधुपुर उपचुनाव की चर्चा होने लगी थी. अब हफीजुल हसन के शपथ लेने के बाद मधुपुर विधानसभा में चुनावी बिसात बिछने लगी है. 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम के हाजी हुसैन ने बीजेपी के पूर्व मंत्री राज पलिवार को करीब 23000 वोटों से हराया था. मधुपुर विधानसभा गोड्डा संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है. लोकसभा चुनाव में निशिकांत दुबे ने जेवीएम के प्रदीप यादव को करीब 1,84000 वोटों से हराया था.
हेमंत सरकार बनने के बाद बीजेपी दोनों उपचुनाव हार चुकी है. जिसमें दुमका सीट काफी अहम है. ऐसे में संथाल में बीजेपी अपनी वापसी किसी भी कीमत पर चाहेगी. हेमंत सरकार बनने के बाद गोड्डा सांसद और हेमंत सोरेन के बीच काफी राजनीतिक नोकझोंक हुए हैं. ऐसे में जेएमएम किसी भी हाल में मधुपुर चुनाव को जीतना चाहेगी और वहीं बीजेपी किसी भी हाल अपनी वापसी के लिए सारे दांव खेलेगी. एक तरह से कहा जा सकता है कि मधुपुर का उपचुनाव काफी रोमांचक हो सकता है.
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