Rajiv Kumar
Chandwa : रांची-चतरा मुख्य सड़क के किनारे लाखों की लागत से बना है चंदवा का आईटीआई केंद्र. इस औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र का चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह, लातेहार के विधायक प्रकाश राम सहित निवर्तमान पदाधिकारियों ने तामझाम के साथ उद्घाटन किया था. इस औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के पीछे सरकार की मंशा थी कि इस आदिवासी बहुल क्षेत्र के बच्चों को अपने क्षेत्र और घर के पास ही औद्योगिक प्रशिक्षण मिल सके और घर से दूर जाकर पैसे की बर्बादी ना हो. लेकिन अब इस केंद्र की वर्तमान स्थिति देखकर इसके उद्देश्य पर सवाल उठने लगे हैं. लाखों की लागत से बने इस औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र के परिसर में हर जगह पेड़-पौधों और झाड़ियां न सिर्फ उग गए हैं, बल्कि लहलहाने लगे हैं. हालत यह है कि केंद्र अब जंगल-झाड़ में छिपता जा रहा है. दूर से तो देखने से ऐसा लगता है कि यह औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र नहीं कोई पुराना भूतिया खंडहर है. यहां कोई क्लास भी नहीं चलता है.
जब “शुभम संदेश” संवाददाता केंद्र के परिसर में पहुंचते हैं, तो देखते हैं कि वहां एक व्यक्ति धूप का आनंद ले रहे हैं. संवाददाता को देख वे एकदम से हड़बड़ा जाते हैं और पूछे जाने पर अपने को कार्यालय का लिपिक (बड़ा बाबू) चुन्नू पाहन बताते हैं. फिर कहते हैं कि आप जानकारी के लिए 6 दिसंबर को आइए. उस दिन प्रभारी प्राचार्य मनोज रहेंगे. वही बता पाएंगे, यहां क्या होता है, क्या नहीं. मैं सिर्फ अपना काम करता हूं, जो मेरा काम है. आप जानते हैं कि बड़ा बाबू का क्या काम है. बड़ा बाबू को प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण लेने वाले कुल नामांकित छात्रों की संख्या का भी पता नहीं. यह भी पता नहीं है कि इनके इस औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र में कितने कर्मचारी पदस्थापित हैं. फिर कहते हैं कि आप यहां कर्मचारी बहाल कर दीजिए. यहां प्रशिक्षक हैं ही नहीं तो कहां से पढ़ाई होगी. हमलोग सिर्फ 3 स्टाफ हैं, जिनमें एक महुआडांड़ में पोस्टेड हैं. यहां पर कुल 6 प्रहरी नियुक्त हैं. 3 दिन के लिए और 3 रात्रि के लिए. परिसर में लाइट व जल की पूरी व्यवस्था है. 6 सुरक्षा प्रहरी के रहते हुए भी खिड़की के बहुत से शीशे टूटे पड़े हैं.
प्राचार्य ने बताया – अकेला मैं ही प्रशिक्षक हूं
केंद्र के प्राचार्य मनोज कुमार कहते हैं कि इस औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण की कमी है. हमने कई बार इसके लिए उच्च अधिकारियों को लिखा है, पर इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. केंद्र में प्रशिक्षण पाने वाले ट्रेड्स में इलेक्ट्रिशियन के 32, फिटर के 30 व वेल्डर के लिए 6 छात्र नामांकित हैं. प्रशिक्षक की कमी है. अकेला मैं ही प्रशिक्षक हूं. मैं जब वहां पहुंचता हूं, तो क्लास चलता है. मुझे कई जगह आना-जाना होता है. कभी राजधानी. कभी जिला मुख्यालय. इसलिए हमेशा प्रशिक्षण नहीं दे पाता हूं. साफ-सफाई के विषय में उन्होंने कहा कि परिसर में उगे झाड़ियों को साफ करवा रहे हैं.
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