Dhanbad : झारखंड रिसोर्स शिक्षक,थेरेपिस्ट संघ ने विगत 7 वर्षों से लंबित मांगों को लेकर तीन दिवसीय आंदोलन के तहत 30 नवंबर को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर मौन धरना दिया. आंदोलन के पहले दिन राज्य भर में दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास कार्य में लगे रिसोर्स शिक्षकों और थेरेपिस्टों ने हिस्सा लिया. धरना में शामिल सभी लोगों के मुंह, कान या आंखों पर पट्टी बंधी थी, जो संदेश दे रहे थे कि राज्य सरकार उनकी न तो कुछ सुनती है और न ही कुछ बोलती है. सभी के हाथों में तख्तियां भी थी, जिस पर “दिव्यांगों को सम्मान चाहिए, हमें भी वेतनमान चाहिए ,समावेशी शिक्षा सफल प्रयास, पेट है भूखा लव पर प्यास , “मेहनत करते हैं हम पूरी, हमें चाहिए उचित मज़दूरी, दिव्यांग से नियमित दरकार, हमें चाहिए पूरा अधिकार,”दिल में अब ईमान भरो, हमारा वेतनमान करो” जैसे नारे लिखे हुए थे. संघ के डॉ मनोज सिंह ने कहा कि मानदेय में वृद्धि, पी एफ़ कटौती, चिकित्सा व समूह बीमा, ई एल की सुविधा, अनुकम्पा राशि और सेवा नियमितीकरण की मांगों को लेकर संघ विगत 7 वर्षों से संघर्षरत है. परंतु सरकार मांगों को पूरा नहीं कर रही. इसीलिए बच्चों को कलम पकड़ने सिखाने वालों को आज आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है. कार्यकारी अध्यक्ष अख़लाक़ अहमद ने कहा कि इसी परियोजना में कार्यरत अन्य कर्मियों का मानदेय तीन गुना तक बढ़ गया है, जबकि समावेशी शिक्षा के रिसोर्स शिक्षक और थेरेपिस्ट का मानदेय यथावत रखना समझ से परे की बात है. संघ के अध्यक्ष गिरिधारी महतो ने कहा कि तीन दिवसीय आंदोलन में पहले दिन मौन धरना, दूसरे दिन शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर स्वच्छता अभियान, तीसरे और आखिरी दिन राहगीरों का जूता पॉलिश कर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश करेंगे. बोकारो के फ़िज़ियोथेरेपिस्ट डॉ सचिन कुमार ने कहा कि यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होती है तो रांची में अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे. धरना में बोकारो से अमरेश कुमार, डॉ सचिन कुमार, गिरिडीह से वसंत कुमार ,धनबाद से डॉ मनोज सिंह, अखलाक अहमद, पूनम सिन्हा, डॉ सचिन कुमार, भागवत प्रसाद, फहीमुद्दीन अंसारी, रौशन कुमारी, रूप चक्रवर्ती, किरण देवी, ज्योति कुमारी, रीना कुमारी, वीणा कुमारी, देवेन महतो, रविंद्र कुमार, अक्षय कुमार, डॉ गयस सरवर, डॉ मुस्तफा अंसारी सहित पूरे राज्य के रिसोर्स शिक्षक और थेरेपिस्ट शामिल थे.
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