Hazaribagh : विभिन्न मांगों को लेकर ग्रामीण डाक सेवकों ने हजारीबाग प्रमंडल कार्यालय के सामने धरना दिया. ग्रामीण डाक सेवकों का कहना है कि विभाग की भेदभाव पूर्ण नीति, कर्मचारियों के अभाव के बावजूद लगभग एक वर्ष से सब्सच्यूट की व्यवस्था समाप्त कर एक ही कर्मचारी पर दो-तीन कर्मचारियों का बोझ लाद दिया गया है, जिससे डाक कर्मचारियों में काफी आक्रोश है. हजारीबाग प्रमंडल के अध्यक्ष राजीव कश्यप एवं सचिव वीरेंद्र प्रसाद मेहता ने कहा कि अगर विभाग उनकी जायज मांगों को नहीं मानती है और संघ की मांगों को बार-बार अनदेखी करती है. इसी को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर संघ हड़ताल पर जाने का निर्णय ले सकता है.
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डाक सेवकों की प्रमुख मांगें
धरने के माध्यम से लेबर कॉर्ड्स को समाप्त करने, नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना पुनः लागू करने एवं 1972 के अनुसार जीडीएस को कवर प्रदान करने की मांग की गई. जीडीएस सहित सभी कर्मचारियों को सार्वभौमिक एवं सामूहिक बीमा का लाभ प्रदान करने की मांग की गई. डाक सेवाओं के निजीकरण को समाप्त करने, जीडीएस कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्रदान करने, जीडीएस समिति की ओर से स्वीकृति 12, 24 और 36 वर्ष पर वेतन संशोधन को लागू करने, जीडीएस को 180 दिनों का पेड अवकाश जमा कर रिटायरमेंट के समय भुगतान करने, केंद्रीय सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत जीपीएस को मेडिकल की सुविधा देन की मांग की गई. सेवानिवृत्ति के दिन ही जीडीएस को मिलने वाले सभी सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान करने, प्रोत्साहन राशि एवं टारगेट के नाम पर जीडीएस को प्रताड़ित नहीं करने की मांग की गई.
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धरने में ये थे मौजूद
धरने में राजीव रंजन मिश्र, मनोज कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, छोटेलाल मेहता, जकीरुल्ला अंसारी, मंजय सिंह, महेंद्र सिंह, संजीत यादव, इंद्रदेव प्रसाद, प्रदीप कुमार, सुबोध कुमार, गोवर्धन साव, निर्मल साव, दामोदर यादव, अभिमन्यु कुमार, पिंकी कुमारी, स्वेच्छा सिंह, फूलकुमारी सहित काफी संख्या में डाक कर्मी उपस्थित थे.