चिकित्सकों के कार्य में हस्तक्षेप न करें, अन्यथा जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
मरीजों का रहा हाल-बेहाल, कई रोगियों का नहीं हो पाया इलाज
Hazaribagh : हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के 67 चिकित्सक डीडीसी प्रेरणा दीक्षित के व्यवहार से आहत होकर अचानक बुधवार को हड़ताल पर चले गए. जब सुपरिटेंडेंट ने बगैर सूचना के हड़ताल पर जाने पर सवाल उठाया, तो सभी चिकित्सक हड़ताल पर जाने से संबंधित आवेदन लेकर उनके चेंबर में चले गए. इससे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. हालांकि आपातकालीन सेवा बहाल रही. लेकिन अस्पताल पहुंचे मरीजों का इलाज नहीं हो सका. इस जानकारी पर प्राचार्य डॉ. एसके सिंह हॉस्पिटल पहुंचे और सभी चिकित्सकों के साथ वार्ता की. मौके पर सुपरिटेंडेंट डॉ. विनोद कुमार सिन्हा भी मौजूद थे. प्राचार्य ने कहा कि जब इमरजेंसी सेवा है, अगर डॉक्टरों को हड़ताल पर जाना है, तो पूर्व सूचना दें, ताकि वे वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें. अचानक हड़ताल पर जाने पर अगर किसी भी तरह की बात होगी, तो उनका साथ डॉक्टरों को नहीं मिल पाएगा. फिर सभी वापस ड्यूटी पर चले गए. इस दौरान बुधवार को दोपहर 12:00 बजे तक मरीज और परिजन परेशान रहे.
माफी मांगे डीडीसी, नहीं तो जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
सारे चिकित्सक ड्यूटी पर तो लौटे, लेकिन उन्होंने सुपरिटेंडेंट को एक आवेदन भी सौंपा है. इसमें दो मांगें शामिल हैं. सौंपे गए मांग पत्र में कहा गया है कि डॉ. विशाल के साथ जो घटना घटी है, उसके लिए डीडीसी माफी मांगें और वे चिकित्सकों के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करें. इसके लिए उन्होंने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है. आवेदन में कहा गया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो फिर डॉक्टर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
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क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा माजरा डॉक्टर विशाल के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट से जुड़ा हुआ है. शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष सह सहायक प्राध्यापक डॉ. विशाल ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि उप विकास आयुक्त प्रेरणा अध्यक्ष ने अपने कार्यालय में उनके साथ बदसलूकी की है और आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया है. डॉक्टर विशाल को आधे घंटे तक अपने चेंबर में खड़ा रखा और जब कुर्सी पर बैठ गए, तो उनको डांट कर और अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए कुर्सी से उठा दिया. इतना ही नहीं अपने कर्मी और बॉडीगार्ड से कॉलर पकड़कर कार्यालय कक्ष से बाहर करवा दिया और धमकी दी कि उनका लाइसेंस रद्द कर देंगे.
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ऐसे में डॉ. विशाल ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा था कि जिस तरह से पदाधिकारी ने उनके साथ व्यवहार किया, उससे वह काफी दुखी हैं और मानसिक रूप से परेशान भी. वह लंबी छुट्टी पर जा रहे हैं और तब तक नहीं लौटेंगे, जब तक उन्हें मानसिक शांति नहीं मिल जाती.
सुपरिटेंडेंट डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने कहा कि सभी चिकित्सक समझाने-बुझाने के बाद ड्यूटी पर लौट आए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें हड़ताल पर जाना है तो उन्हें पूर्व में सूचना देनी होगी, चूंकि यह आपातकालीन सेवा है. काफी संख्या में मरीज यहां पहुंचते हैं, ऐसे में उनकी जिंदगी का सवाल है.
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