Hazaribagh : जिले में मोहम्मद खालिद और तापस चक्रवर्ती की टीम लावारिस शवों की अंत्येष्टि किया करती थी. लेकिन हजारीबाग के आम जनों के सहयोग से चलने वाली मुर्दा कल्याण समिति अब अंत्येष्टि का काम नहीं करेगी. मोहम्मद खालिद ने इस बाबत हजारीबाग डीसी और अन्य अधिकारियों को लिखित सूचना दी है.
17 सालों से कर रहे थे अंत्येष्टि का काम
मोहम्मद खालिद ने बताया कि करीब 17 सालों से वो सभी धर्मों के लोगों की लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं. इसके अलावा लाचार-गरीबों और कोरोना संक्रमित के शवों की भी अंत्येष्टि करते थे. लेकिन पिछले कुछ दिनों से यहां हो रहे दुष्प्रचार से वे दुखी हैं. उनकी टीम बीते कुछ दिनों से घिनौनी राजनीति की शिकार हो रही है. खालिद ने कहा कि इस कारण वे बहुत आहत है. इसलिए वो दुखी होकर इस काम को छोड़ रहे हैं.
रांची में गरीब और लाचार लोगों को सेवा प्रदान करेंगे
मोहम्मद खालिद ने कहा कि उनके मन में कभी इस काम को छोड़ने का विचार नहीं आया था. लेकिन 20 सालों की सेवा के बाद भी इस तरह के दुष्प्रचार का सामना करना पड़ता है. जो असहनीय है. मोहम्मद खालिद ने कहा कि जिंदगी की आखिरी सांस तक मुर्दों की ही सेवा करते रहेंगे. अब वो रांची में गरीब-लाचार लोगों के शवों के अंतिम संस्कार में सहायता करेंगे. रांची में न्यूनतम से भी न्यूनतम दर पर शव वाहन चलायेंगे.