ऐसे 59 विद्यार्थी चिन्हित जो नहीं हुए उत्तीर्ण या इम्तिहान में नहीं हुए शामिल
जांच में खुलासा के बाद हटाए गए लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. जयदीप सान्याल
रश्मि प्रधान को बनाया गया प्रिंसिपल इचार्ज
अथॉरिटी से अनुमति लेना अनिवार्य : रजिस्ट्रार
Amarnath Pathak
Hazaribagh : विनोबाभावे विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज में काफी गड़बड़झाला चल रहा है. यहां मेधा सूची से बाहर के विद्यार्थियों का नामांकन लिए जाने के मामले में संस्थापक प्रिंसिपल डॉ जयदीप सान्याल को विनोबाभावे विश्वविद्यालय प्रशासन ने हटा दिया है. विभावि के रजिस्ट्रार डॉ कौशलेंद्र कुमार ने ‘शुभम संदेश’ को बताया कि भले ही यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज सेल्फ फायनांस डिपार्टमेंट हो, फिर भी कोई निर्णय लेने से पहले अथॉरिटी से अनुमति लेना अनिवार्य है. यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज का अथॉरिटी विभावि प्रशासन है. उन्होंने बताया कि एलएलबी और बीएएलएलबी में 126 सीट में 59 विद्यार्थी मेरिट लिस्ट से बाहर के पाए गए. ये ऐसे विद्यार्थी हैं, जिन्होंने परीक्षा ही उत्तीर्ण नहीं की अथवा इम्तिहान में शामिल ही नहीं हुए. शिकायत मिलने पर जांच कमेटी गठित की गई थी. जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद प्राचार्य डॉ जयदीप सान्याल को हटाते हुए रश्मि प्रधान को प्रिंसिपल इंचार्ज बनाया गया.
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थर्ड लिस्ट निकालने से रोक दिया गया था : डॉ. जयदीप सान्याल
यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज से हटाए गए प्राचार्य डॉ जयदीप सान्याल ने कहा कि विभावि प्रशासन ने ही थर्ड लिस्ट निकालने से रोक दिया गया था. दरअसल एक छात्र नेता का दाखिला एलएलबी में नहीं करना था. इस बात की जानकारी पूर्व वीसी को थी. इसी वजह से कई विद्यार्थी मेधा सूची में नहीं आ पाए. अगर थर्ड लिस्ट का प्रकाशन होता, तो सभी का नामांकन हो जाता, जिसे आज मेधा सूची के बाहर का बताया जा रहा है.
भाजपा नेता ने राजभवन में की शिकायत
इधर पूरे मामले पर भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य अनुपम सिन्हा ने राजभवन को पत्राचार करते हुए इस यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज के मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि सेल्फ फायनांस डिपार्टमेंट में इस तरह हस्तक्षेप करने का विभावि प्रशासन को कोई औचित्य नहीं है. जहां यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज को आर्थिक मदद की दरकार है, वहां विभावि लॉ कॉलेज की कुल आय का 20% राशि ले लेती है. इसी रवैये के कारण यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज, हजारीबाग में एलएलएम में 50 सीटों में मात्र 24 सीटों पर ही नामांकन हुआ. इस सत्र में 26 सीट खाली रह गए. भाजपा नेता का कहना है कि यही हाल रहा, तो कही यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज बंद न हो जाए.
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वरीयता के मामले में राजभवन के आदेश की अनदेखी
भाजपा नेता अनपुम सिन्हा ने राज्यपाल को पत्राचार करते हुए लिखा है कि विभावि में राजभवन के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. उसमें वरीयता के आधार पर विभागाध्यक्ष अथवा प्राचार्य बनाने के राजभवन के आदेश हैं. लेकिन यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज में प्रिंसिपल इंचार्ज बनाने में इस आदेश की अनदेखी की गई.
पत्राचार विभावि में सेल्फ फायनांस डिपार्टमेंट की बताई स्थिति
भाजपा नेता की ओर से राजभवन को जो पत्राचार किया गया है, उसमें विनोबाभावे विश्वविद्यालय के सेल्फ फायनांस डिपार्टमेंट की स्थिति बयां की गई है. बताया गया है कि इंटिग्रेटेड बीएड और रूरल डिपार्टमेंट बंद हो गया. लाइब्रेरी सांइस में नामांकन का ग्राफ गिरा. फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट को दिल्ली मुख्यालय से एफिलिएशन नहीं मिला. आर्टिफिशियल इंटिलिजेंसी, एमसीए और एमबीए विभाग को एआइसीइटी से मान्यता नहीं मिली. साइबर क्राइम से संबंधित पाठ्यक्रम की पढ़ाई के लिए शुल्क अधिक होने के कारण विद्यार्थियों का झुकाव इस ओर कम है.