Hazaribagh: कोरोना काल में इलाज के नाम पर पैसों की लूट के मामले पूरे देश से आ रहे हैं. कोरोना के नाम पर इलाज और फिर बेहिसाब बिल से आम जनता परेशान है. कुछ ऐसा ही मामला हजारीबाग के आरोग्यम अस्पताल का भी है. उक्त मामले में पीड़ित ने थाने में लिखित शिकायत भी दर्ज करवायी है. हजारीबाग में रहने वाले अजय दास ने कहा है कि यहां महज़ 3 मिनट में कोरोना के जांच करने का दावा किया जा रहा है. अजय के अनुसार अस्पताल का दावा है कि वे जांच कर सीधे बता देंगे कि आप कोरोना पॉजिटिव हैं या नहीं. लेकिन इसके लिए आपको भारी रकम चुकानी होगी.
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क्या है मामला
अजय ने बताया कि उनकी बेटी को किडनी में पथरी की परेशानी है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने पूरी जांच के बाद भी सही बीमारी की जानकारी नहीं दी. साथ ही पथरी का जिक्र किया बिना ही कुछ और बता कर कोरोना की जांच करवायी और महज 3 मिनट में कोरोना पॉजिटिव बताकर कोविड वार्ड में भर्ती करा दिया. आरोप यह भी है कि कोविड वार्ड में ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था और ना ही कर्मी पीपीटी किट में रहते थे. अजय ने बताया कि खुद अस्पताल प्रबंधन के एक व्यक्ति ने उनसे कहा आपको कोरोना जांच करवा देंगे, लेकिन हम आपको कोई कागज नहीं देंगे. बस रिपोर्ट बता देंगे.
दूसरी जगह पर कोरोना की जांच रिपोर्ट निगेटिव
परेशान होकर अजय अपनी बेटी को ले गये. इसके बाद अजय ने जब दोबारा फिर से करोना की जांच करवायी .तब जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आयी. इसके बाद हजारीबाग में दूसरी जगह अल्ट्रासाउंड करवाने पर किडनी में पथरी होने की भी बात पता चली. जिसके बाद उनकी बेटी का इलाज शुरु हुआ.
दूसरे मरीज ने भी लगाये इलाज में लापरवाही का आरोप
वहीं दूसरे मरीज शंकर का कहना है कि अस्पताल ने उन्हें ना चाहते हुए भी भर्ती किया. शंकर ने कहा कि उन्हें टाइफाइड था और वह स्वस्थ महसूस कर रहे थे. लेकिन उन्हें जबरदस्ती रोक कर स्लाइन दिया गया. वह भी सही तरीके से नहीं करने के कारण रात में उनका पाइप बाहर निकल गया. जिसके बाद काफी मात्रा में खून वह गया. वह चिल्लाते रहे लेकिन कोई पास नहीं आया. जैसे-तैसे उन्होंने खुद से ही ढक्कन बंद किया. तब जाकर खून का बहना रुका वही इसकी शिकायत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने उनकी एक न सुनी.
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क्या कहा अस्पताल प्रबंधन ने
वहीं दोनों मामले पर जब अस्पताल प्रबंधन से पूछा गया तो उन्होंने कहा ऐसी बात नहीं है . थोड़ी बहुत मानवीय भूल होती है. रात में स्टाफ के कम होने के कारण थोड़ी परेशानी हो सकती है. हज़ारीबाग के आरोग्यम अस्पताल पर पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे है. हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि ज्यादा पैसे लेकर कोरोना की जांच की बात पूरी तरह गलत है.लेकिन इसके बाद भी हम अपने स्टॉफ से बात करेंगे. इस पूरे मामले में अभी तक पुलिस के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
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