Hazaribagh: झारखंड में नियोजन नीति रद्द करने के खिलाफ हजारों विद्यार्थी सोमवार को सड़क पर उतरे. विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खिलाफ आवाज बुलंद किया. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के साथ नाइंसाफी हो रही है. उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. संत कोलंबा कॉलेज के निकट से जुलूस की शक्त में निकला विद्यार्थियों का हुजूम विभिन्न चौक-चौराहों से गुजरता गया. विरोध मार्च में सिर्फ हजारीबाग ही नहीं, बल्कि इसके आसपास के इलाकों से भी हजारों की संख्या में विद्यार्थी शामिल थे.
देखें वीडियो-
इसमें छात्राओं की संख्या भी खासी थी. छात्राओं का कहना था कि उनलोगों के साथ भी सरकार ने भद्दा मजाक किया है. जब छात्र आंदोलन हुआ है, तो सिंहासन डोला है. सरकार ने उनलोगों के लिए नियोजन नीति देकर लॉलीपॉप थमा दिया और हाईकोर्ट ने नियोजन नीति रद्द कर दिया. इससे लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है. हाईकोर्ट की ओर से इस नियुक्ति नियमावली को रद्द किए जाने के बाद एक बार फिर झारखंड में सरकारी विभागों में बड़े पैमाने पर जेएसएससी से होने वाली नियुक्ति पर ग्रहण लग गया है.
इसे भी पढ़ें– अर्जेंटीना की जीत पर ब्राजील के फुटबॉलर पेले का इमोशनल नोट, लिखा-निश्चित तौर पर डिएगो मुस्कुरा रहे होंगे
प्रदर्शन कर रहे छात्रों विकास कुमार, विनय कुमार और भानू शंकर का कहना था कि नियोजन नीति रद्द करने से सरकार की तरफ से निकाली जाने वाली नौकरियां भी बंद हो जाएंगी. वहीं जो छात्र अब नई नौकरी ज्वाइन करने वाले हैं या फिर परीक्षा देखकर उत्तीर्ण हुए हैं, वैसे छात्रों के लिए भी नियोजन नीति को रद्द करने से उनका भविष्य अधर में चला जाएगा. इसी को देखते हुए नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं और छात्रों ने हजारीबाग के अलग-अलग हिस्सों में विरोध मार्च निकाला. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि सरकार अगर 15 दिनों में नियोजन नीति में संशोधन लाकर युवाओं के लिए कुछ विचार नहीं करती है, तो आने वाले समय में छात्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करेंगे.
इसे भी पढ़ें– तुष्टिकरण के लिए असंवैधानिक फैसले लेने वाली हेमंत सरकार हो चुकी है एक्सपोज : दीपक प्रकाश