Hazaribagh: हज़ारीबाग़ के कटकमदाग प्रखंड स्थित बानादाग रेलवे कोयला साइडिंग से प्रदूषण और विस्थापन के मुद्दे पर पुनः विरोध की सुगबुगाहट देखी जा रही है. इस मामले में दोबारा आंदोलन करने की योजना स्थानीय रैयत तैयार कर रहे हैं. गुरुवार की देर शाम बानादाग साइडिंग के विरोध में सैकड़ो की संख्या में रैयत उपस्थित होकर इसकी रूपरेखा तैयार की. बैठक में समाजसेवी सह किसान बेरोजगार संघर्ष समिति बानादाग, कटकमदाग, कुसुंभा, बांका के बुद्धिजीवी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि पूर्व में हाइवा के माध्यम से कोयले की ढुलाई बड़कागांव से बानादाग तक किया जाता था. कंवेयर बेल्ट के प्रारंभ होने से हाइवा मालिक के रोजगार पर सेंधमारी कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि आंदोलन स्थगित करने के लिए 14 मांग पत्रों पर जिला प्रशासन ने समझौता किया. तब उसे लागू करने में लंबा समय या फिर एक वर्ष लगाने के पीछे कुछ बड़े कारण हो सकते हैं. उदय साव ने कहा कि जब बानादाग रेलवे साइडिंग से कोयले का ट्रांसपोर्टिंग प्रतिदिन नियमित रूप से किया जाता है तो, साइडिंग से प्रभावित गांवों के विकास में अनदेखी किसके इशारे पर किया जा रहा है. समझौते में शामिल 14 मांगों की बैठक उपायुक्त करते हैं. फिर एनटीपीसी के पदाधिकारी उसे मानने के साथ गांव के विकास को लेकर रैयत और ग्रामीण को रोजगार देने से इनकार कर रहे हैं. जिसके कारण रैयतों में असंतोष है. उन्होंने इस बार बड़े पैमाने पर आंदोलन की रणनीति तैयार की है. जिसे जल्द जमीन पर उतारा जायेगा.
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