Hazaribagh: चट्टीबरियातू कोल माइंस का कोयला सम्प्रेषण का कार्य गुरुवार को शुरू होने के साथ मुश्किल में आ गया. केरेडारी प्रखंड अंतर्गत चट्टीबरियातू में संचालित एनटीपीसी का कोयला सम्प्रेषण का कार्य 15 नवंबर को शुरू हुआ था. इसे लेकर प्रबंधन टीम काफी उत्साहित थी. लेकिन आज शुरू होने के बाद एनटीपीसी का कोयला जहां पहुंचना था, वहां नहीं पहुंच सका. दरअसल पगार स्थित कांटाघर से कोयला लदा हाइवा करनपुरा पावर प्लांट के लिए तो निकला, लेकिन ग्रामीणों ने बीच रास्ते में ही वाहन को रोक दिया.
सम्प्रेषण के पहले दिन ही ग्रामीणों ने ग्राम जोरदाग में दो अलग-अलग स्थानों पर कंपनी का विरोध कर कोयला सम्प्रेषण का कार्य बंद करवा दिया. साथ ही शांतिपूर्वक धरने पर बैठ गए. ग्रामीण स्थानीय भू रैयतों को रोजगार, प्रदूषण नियंत्रण, जमीन का मुआवजा भुगतान, पानी छिड़काव, मेडिकल कैंप और शिक्षा-व्यवस्था जैसी तमाम मांगों को लेकर ट्रांसपोर्टिंग सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. इसके कारण कोयला ढुलाई के उद्घाटन के पहले दिन से ही कोयला ढुलाई का कार्य बंद हो गया.
वहीं एक तरफ विरोध कर रहे भू रैयत जितेंद्र कुमार दास, विनय कुमार, बसंत कुमार, धर्मेद्र कुमार साव, अजय कुमार, सुधीर कुमार, आदित्य कुमार और पप्पू कुमार ने कहा कि कंपनी की दोहरी नीति से भू रैयतों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एनटीपीसी कंपनी चट्टीबारियातू कोल माइंस में आसानी से कोयला का खनन शुरू कर यहां के रैयतों को छलने का काम कर रहा है. कंपनी जब तक विस्थापित हो रहे परिवारों को हर घर में बेरोजगारी भत्ता और जोरदाग गांव में जलावन की समस्या को देखते हुए सप्ताह में एक दिन कोयला की छूट, माइंस में बाहरी लोगों को हटाकर स्थानीय लोगों को रोजगार और कंपनी अपनी निजी सड़क से ट्रांसपोर्टिंग शुरू नहीं करती है तब तक हम सभी डटे रहेंगे.
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वहीं दूसरी तरफ धरने पर बैठे भू रैयत संतोष महतो, हिरामन महतो, अनिल मुंडा, कमलेश मुंडा, सुरेंद्र साव, संजय मुंडा, राजेश मुंडा, कृष्णा गुप्ता, अकलेश पासवान, सोनिया देवी, अघनी देवी और जमनी देवी समेत कई लोग ट्रांसपोर्टिंग सड़क पर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. ग्रामीण अपनी मांग पूरा नहीं होने तक सड़क से कोयला ढुलाई के काम को बंद रखने की बात कर रहें हैं. इस संदर्भ में कंपनी के जीएम बीएम सिंह ने कहा कि रैयतों की मांग जायज है. कंपनी इन सभी मांगो को जल्द पूरा करने का प्रयास करेगी. फिलहाल कोयला ढुलाई कार्य बंद होने के कारण नार्थ करनपुरा टंडवा पावर प्लांट को काफी दिक्कत हो रही है. बताते चलें कि जब तक चट्टीबरियातू से कोयला नार्थ करनपुरा पावर प्लांट टंडवा नहीं पहुचेगी तब तक पावर प्लांट शुरू नहीं किया जा सकता है.
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