Ranchi: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ स्पीकर के न्यायाधिकरण में दलबदल को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधिकरण ने सुनवाई के लिए निर्धारित 8 बिंदुओं पर एक साथ सुनवाई शुरू की. बहस के दौरान बाबूलाल मरांडी के वकील आरएन सहाय ने कहा कि मामले में संवैधानिक रूप से सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि जब तक प्रारंभिक आपत्ति पर निर्णय नहीं हो जाता, तब तक केस की मेरिट पर सुनवाई नहीं हो सकती है.
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9 मई को प्रारंभिक का आपत्तियों को किया गया था खारिज
इससे पहले 6 और 9 मई को भी बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले को लेकर स्पीकर के कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जहां न्यायाधिकरण ने मामले में आये प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया और मेरिट के आधार पर मामला चलाने की बात कही. उसके बाद सुनवाई के लिए बिंदु तय किये गये.
इन आठ बिंदुओं पर सुनवाई
• बाबूलाल मरांडी द्वारा इस प्रकार का पत्र दिया जाना 10वीं अनुसूची के तहत झाविमो को स्वेच्छा से छोड़ जाना माना जायेगा या नहीं.
• बाबूलाल मरांडी द्वारा अकेले भाजपा छोड़ा जाना 10वीं अनुसूची की पारा चार का लाभ उन्हें प्राप्त होगा या नहीं.
• तथ्यों के आधार पर विलय का दावा करना 10वीं अनुसूची के पारा चार के तहत मान्य है या नहीं.
• विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की को पार्टी से निष्कासित करने के बाद कितने सदस्य संख्या पूर्ववत रही या नहीं.
• बाबूलाल मरांडी तथ्यों और संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर दलबदल करने के बाद झारखंड विधानसभा नियम 2006 के आधार पर निरर्हता से ग्रस्त हो गये हैं या नहीं.
• बाबूलाल मरांडी की सदस्यता यदि निरर्हता यानि अयोग्य घोषित हुए तो किस तिथि से लागू होगी.
• तथ्यों व संवैधानिक प्रावधानों के तहत नियम-2006 के आधार पर बाबूलाल की सदस्यता रहेगी या नहीं, इस पर भी होगी बहस.
• बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दी गई अर्जी अधिक विलंब के कारण सुनने योग्य है या नहीं
स्पीकर की न्यायाधिकरण में दायर की गई है चार याचिका
गौरतलब है कि दलबदल मामले में बाबूलाल मरांडी के खिलाफ स्पीकर कोर्ट में 4 याचिका दायर की गयी है. बाबूलाल मरांडी के जेवीएम से चुनाव जीतकर बीजेपी में शामिल होने के खिलाफ पूर्व विधायक राजकुमार यादव, जेएमएम विधायक भूषण तिर्की, कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह और विधायक प्रदीप यादव एवं बंधु तिर्की ने याचिका दायर की थी.
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