Ranchi: हेहल अंचल के खाता नंबर 119 मामले में हर रोज कुछ नया होता दिख रहा है. इस बार हेहल के सीओ दिलीप कुमार ने कुछ ऐसा किया है, जिससे उनकी मंशा साफ हो जाती है. 19 नवंबर को कमिश्नर ने हेहल अंचल के खाता नंबर 119 पर अपना फैसाल सुनाया. फैसले में तत्कालीन कमिश्नर ने तत्कालीन डीसी के आदेश को रद्द करते हुए दोबारा से दोनों पक्षों की बात सुनकर फैसला सुनाने को कहा.
यह फैसला शुद्ध रूप से डीसी के लिए था. लेकिन कमाल यह होता है कि कमिश्नर ऑफिस से यह रिपोर्ट डीसी के यहां ना जाकर फाइल सीओ और निबंधन कार्यालय पहुंच जाती है. धारा 144 लगने के बावजूद जमीन के एक हिस्से की रजिस्ट्री हो जाती है. सीओ दिलीप कुमार जल्दबाजी दिखाते हुए म्यूटेशन भी कर देते हैं.
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तीन महीने बाद याद आया सीओ को की नहीं हैं वो सक्ष्म प्राधिकार
शनिवार को डीसी रांची के यहां डाक से हेहल सीओ ने एक फाइल भिजवायी. वो और कुछ नहीं बल्कि कमिश्नर की रिपोर्ट थी. हेहल सीओ ने फाइल पर लिखा कि इस रिपोर्ट को देखने के लिए वो सक्ष्म प्राधिकार नहीं हैं. हेहल सीओ ने कमिश्नर की रिपोर्ट वापस कमिश्नर कार्यालय भिजवाया. फिर कमिश्नर कार्यालय से यह फाइल वापस डीसी भेज दी गई. सीओ के ऐसा करने से सवाल उठ रहा है कि आखिर तीन महीने के बाद सीओ को क्यों याद आया कि यह रिपोर्ट उनके लिए नहीं बल्कि डीसी के लिए है.
साथ ही वो तब तक इस रिपोर्ट को अपने यहां दबाए रखें, जबतक वो जमीन के एक हिस्से का म्यूटेशन नहीं कर दिया. वो भी तब जब उसपर धारा 144 लगी हुई थी और कमिश्नर ने तत्कालीन डीसी के फैसले पर रोक लगा दिया था. साथ ही यह भी साफ होता है कि पहली बार कमिश्नर कार्यालय से यह फाइल सीधा सीओ के पास पहुंची ना कि डीसी कार्यालय. ऐसा तभी हो सकता है जब कमिश्नर कार्यालय और सीओ कार्यालय की मिलीभगत हो.
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अब आगे क्या होगा
इससे पहले दशरथ साहू और गणेश साहू की तरफ से डीसी के यहां कमिश्नर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अपील नहीं की गयी थी. इसलिए डीसी इस मामले पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं कर रहे थे. लेकिन अब सीओ ने कमिश्नर की रिपोर्ट डीसी को भिजवा दी है. नियम के मुताबिक, डीसी अब दोनों पार्टी को नोटिस कर सकते हैं.
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नोटिस के बाद कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों पक्षों का सुनकर फैसला बदल सकते हैं या फैसले पर कायम भी रह सकते हैं. फैसला नहीं आने तक डीसी की तरफ से जमीन कब्जा होने का काम रोका जा सकता है. साथ ही जिस प्लॉट का रजिस्ट्री अवर निबंधक की तरफ से कर दिया गया है. उसकी जांच हो सकती है और म्यूटेशन कैसा हुआ इसपर जांच हो सकती है. हेहल जमीन खाता नंबर 119 का मामला दिलचस्प होता जा रहा है. आगे क्या होता है, देखने वाली बात है.
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