Jamtara: जामताड़ा में हैलो मास्टर के रूप में कुख्यात सजायाफ्ता साइबर अपराधी फरार हो गया है. साइबर अपराधी का नाम रामकुमार मंडल उर्फ सीताराम है. जो एक बार फिर से पुलिस को चकमा देकर भाग निकला है. हालांकि पुलिस ने उसके घर के पास से पांच लोगों को हिरासत में लिया है. जिनसे साइबर थाना में पुलिस ने पूछताछ की है. फिलहाल पुलिस इस मामले में अभी कुछ भी बताने से बच रही है.
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पुलिस की कार्रवाई का घटनाक्रम
दरअसल साइबर थाना की पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि, सीताराम मंडल अपने शार्गिदों के साथ मिलकर करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सिंदरजोरी गांव में साइबर फ्रॉड कर रहा है. इसके बाद साइबर डीएसपी सुमित कुमार के नेतृत्व में गठित छापेमारी दल ने सिंदरजोरी गांव में छापेमारी की. लेकिन पुलिस की आंखों के सामने ही वह बाइक पर सवार होकर रफ्फू चक्कर हो गया. इधर पुलिस ने सीताराम के स्कॉर्पियों वाहन को जब्त कर लिया है.
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हिस्ट्रीसीटर साइबर अपराधी
बताते हैं कि रामकुमार करमाटांड़ के इलाके में साइबर अपराधियों का किंगपिन कहा जाता है. उसने जामताड़ा, धनबाद जिले के टुंडी थाना क्षेत्र के चरकखुर्द, गिरीडीह जिले के युवाओं को साइबर अपराध में धकेला है. यही वजह है कि जब-जब पुलिस इस इलाके में रेड करने पहुंचती है. उससे पहले सीताराम को पुलिस के आने की सूचना मिल जाती है. और अधिकांश समय पुलिस को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ता है.
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सीताराम के शार्गिदों से पूछताछ
साइबर अपराधी सीताराम के घर के समीप से पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है. इन सभी से साइबर थाना में पूछताछ की जा रही है. सूत्रों की मानें तो हिरासत में लिए पांच में से तीन की साइबर अपराध में संलिप्तता सामने आ रही है. हालांकि इस संबंध में पुलिस अभी कुछ भी जानकारी देने से परहेज कर रही है.
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साइबर अपराधी सीताराम सजायाफ्ता
बता दें कि साइबर अपराधी सीताराम मंडल को जामताड़ा कोर्ट से साइबर अपराध के एक मामले में जनवरी 2018 में डेढ़ वर्ष की सजा सुनायी गयी थी. जेल से छूटने के बाद वह पुन: साइबर अपराध में संलिप्त हो जाता है. दिखने में ये शख्स भले ही मामूली सा है. लेकिन इसके खुराफाती दिमाग के आगे अच्छे-अच्छे साइबर एक्सपर्ट भी बौने साबित हो जाते हैं. एक समय उसे देश की 26 राज्यों की पुलिस को तलाश थी. बताते हैं कि रामकुमार मंडल 2011 में मुंबई गया था. वहां उसने मोबाइल रिचार्ज करने का काम शुरू किया. उसी दौरान उसने मोबाइल फिशिंग भी सीखी और मोबाइल रिचार्ज के जरिए दूसरे के आकाउंट में सेंध लगाने लगा. उसके बाद ये वापस जामताड़ा चला आया. यही से वह कभी नकली बैंक मैनेजर बनकर, तो कभी आरबीआई के नाम पर देशभर के लोगों को जामताड़ा से ही फोन करता था. और लोगों को झांसा देकर उनकी जानकारी निकलवा लेता था.
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