- खेल विभाग को योजना पर काम करने करने का सीएम ने दिया निर्देश
- खेल प्रतिभाओं की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखेगी चमक
- जमीनी स्तर से तराशने की योजना पर काम कर रही सरकार
Ranchi : राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को खेल से जोड़ने के लिए झारखंड सरकार अब ‘सहाय’ योजना का सहारा लेगी. खेल और खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने के प्रति हमेशा सजग रहने वाले सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि खेल का अवसर मिलने पर ये युवा अपना हुनर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर दिखाएंगे.
निर्देश मिलने के बाद खेल विभाग नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं के लिए विशेष खेल योजना ‘’सहाय’’ पर कार्य कर रहा है. इसमें 19 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को जोड़ा जायेगा. योजना के तहत पंचायत स्तर से बच्चों को लेकर उन्हें प्रखंड एवं जिला स्तर तक खेलों के लिए तैयार किया जायेगा. उसके बाद वे अपनी प्रतिभा के अनुसार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपना जलवा बिखेरेंगे. खेल और पुलिस विभाग के समन्वय से योजना को संचालित किया जायेगा. योजना का उद्देश्य खेल के माध्यम से लोगों और पुलिस के बीच की दूरी को कम करना है. साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र की प्रतिभा को एक पहचान देकर सकारात्मक जीवन की ओर प्रेरित करना है.
प्रोत्साहन और मार्गदर्शन से मिल रही पहचान
बता दें कि टोक्यो ओलिंपिक में हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे, निक्की प्रधान और तीरंदाज दीपिका कुमारी ने अपनी प्रतिभा की जो चमक बिखेरी है, उससे पूरा राज्य गौरवान्वित हुआ है. झारखंड में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. बस उन्हें उचित प्रोत्साहन और मार्गदर्शन देने की जरूरत है. राज्य में खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की विस्तृत योजना बनाई गई है. इसके तहत राज्य में खेल संस्कृति को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है.
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ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट आयोजित करने पर जोर
सरकार की योजना में राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय खेल संघों के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा खेल टूर्नामेंट आयोजित करने की भी है. इसपर काम भी हो रहा है. इस कड़ी में 16 अगस्त 2021 से जमशेदपुर में भारतीय महिला राष्ट्रीय टीम शिविर का आयोजन हो रहा है. शिविर में 20 जनवरी से 6 फरवरी 2022 तक होने वाले एशियाई फुटबॉल कप की महिला खिलाड़ियों की तैयारी होगी. इससे राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ियों के साथ खेलने से झारखंड की महिला फुटबॉल खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा.
खेल नीति पर हो रहा काम, राज्य के खेल परिदृश्य में दिखेगा बदलाव
राज्य की नई खेल नीति का ड्राफ्ट लगभग तैयार है. नीति में पूरे राज्य में एक खेल संस्कृति विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. हर प्रखंड में एक निःशुल्क डे-बोर्डिंग सेंटर होगा. इसके अलावा हर जिले में रेसिडेंशियल सेंटर होगा जहां रहने, भोजन और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी.
आधारभूत संरचना का हो रहा निर्माण
हॉकी को बढ़ावा देने के लिए खूंटी, सिमडेगा, गुमला सहित चार जिले में स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है. फुटबॉल मैदान भी बन रहे हैं. पोटो हो खेल योजना के तहत हर पंचायत में एक खेल मैदान बनाने पर काम हो रहा है. खिलाड़ियों के लिए स्कॉलरशिप योजना पर भी काम हो रहा है. इसके तहत खिलाड़ियों को हर महीने 3000 से 6000 रुपये की स्कॉलरशिप मिलेगी.
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