दुमका : 131 वर्ष पुराने राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव परिसर में स्थित संताल आदिवासी का पूज्य स्थल दिशोम मरांग बुरु थान ढह गया. जिससे पूरा आदिवासी समाज आहत है. समाज के लोगों ने इसके लिए जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण ऐसा हुआ है. इसको लेकर दिशोम मरांग बुरु संताली अरीचली आर लेगचर अखड़ा के बैनर तले हिजला,धतिकबोना,हडवाडीह आदि गांवों के ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए हेमंत सोरेन,दुमका विधायक बसन्त सोरेन का पुतला फूंका.
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अखड़ा और ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों ने चुनाव के समय यह आश्वासन दिया था कि हिजला मेला परिसर में स्थित दिशोम मरांग बुरु थान का पक्कीकरण कर दिया जायेगा, लेकिन अब तक पक्कीकरण नहीं किया गया. प्रशासन के द्वारा इस पुजनीय स्थल की मरम्मत भी नहीं करायी गई. ग्रामीणों का कहना है कि दुमका जिला प्रशासन को भी कई महीने पहले पक्कीकरण के लिय लिखित आवेदन दिया गया था. ग्रामीणों ने दुमका विधायक से भी मिलकर मरम्मत कराने की मांग की थी, लेकिन कोई पहल नहीं की गई. लोगों का कहना है कि मेला परिसर के अन्य जगहों में भवन बनाया जा रहा है, लेकिन पूज्य स्थल दिशोम मरांग बुरु थान का पक्कीकरण नहीं किया जा रहा है. अखड़ा और ग्रामीणों का कहना है कि अबुवा दिशोम अबुवा राज (अपना राज्य में अपना राज) होने के बाद भी आदिवासी जन प्रतिनिधियों द्वारा आदिवासी संस्कृति का सम्मान नहीं किया जा रहा. यह समाज के लिये दुख की बात है. जिसे आदिवासी समाज बर्दाश नहीं करेगा. अगर जल्द ही संताल आदिवासियों के पूज्य स्थल दिशोम मरांग बुरु थान का पक्कीकरण नहीं किया जाता है, तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा.
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पुतला दहन के मौके में रंजीत हेम्ब्रम,आनंद हांसदा,राकेश मुर्मू,सेबेन मुर्मू,सुशील मुर्मू,बबलू मुर्मू,सुरेंद्र हांसदा,अमित हेम्ब्रम,संतोष हांसदा,विनय हेम्ब्रम,रावण मुर्मू,सुनीता मरांडी,सुनीता मुर्मू,डेना टुडू,पकलु सोरेन,बाहा हांसदा,बिटिया सोरेन, मंटू किस्कू,दिलीप सोरेन,देबीसोल सोरेन, सुनीराम हांसदा,छोटो किस्कू,समु हांसदा, सुनीराम हेम्ब्रम,सनत हांसदा,संजय हांसदा,विलास हेम्ब्रम,अशोक टुडू,कद्रा टुडू,सुरेश मरांडी,अजीत हांसदा,गणेश हांसदा,शिवधन हांसदा,सीताराम सोरेन,लूली हांसदा,पकलह किस्कू,दुलड़ मरांडी,सलोदी हांसदा,मिरु मरांडी,बाहा हेम्ब्रम,सरला हांसदा,फुलमनी मुर्मू,एमानवेल हेम्ब्रम,लुखीराम मुर्मू,अजय हेम्ब्रम, चुड़की हांसदा, बहामुनी हेम्ब्रम,कर्मिला हांसदा, एमेली हांसदा, लालमुनि बेसरा, संगीता मुर, सुरुजमीखी मुर्मू, मुनि मुर्मू, सुनीता सोरेन, सन्धि मुर्मू, फुलमनी सोरेन, सुनीता सोरेन, चिन्ता हेम्ब्रम, रीतिका मुर्मू, ऑथें मरांडी, मुनी मरांडी, अंकिता हांसदा, पार्वती टुडू, सुरुजमुनी बेसरा, पाकु टुडू, अर्जुन हंसडक, लुखीराम मुर्मू, आनंद मुर्मू, जॉन हेम्ब्रम, रुवेल हेम्ब्रम, अजय हेम्ब्रम, प्रदीप मुर्मू, सीताराम सोरेन, बिनोद हेम्ब्रम, रमेश मुर्मू, मंगल मरांडी, विजय बास्की, सुजीत हेम्ब्रम, एमानवेल बास्की, सूरज मरांडी, फिरीज मरांडी, रजीप मरांडी, सुफल मरांडी, राबड़ी मिर्धा, प्रधान मरांडी आदि उपस्थित थे.
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