NewDelhi : इतिहासकार रामचंद्र गुहा, सीनियर वकील प्रशांत भूषण और बैंकर उदय कोटक उन लोगों में शामिल हैं, जो मान रहे हैं कि श्रीलंका के हालात भारत के लिए चेतावनी है. जान लें कि भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका इन दिनों अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है. वहां हिंसा का दौर थम नहीं रहा है. कहीं मंत्रियों के घर फूंके जा रहे हैं तो कहीं सांसदों से झड़पें हो रही हैं. पूर्व पीएम राजपक्षे के परिवार को नेवल बेस में जान बचाने के लिए शरण लेनी पड़ी है.
Can you see the similarity between what the rulers of Sri Lanka did over the last few years and what the rulers in India are doing here today? Will the consequences in India be similar to what is happening in Sri Lanka today? pic.twitter.com/gtjwxNAdih
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) May 10, 2022
The Russia Ukraine war goes on and the going gets tough. True test of nations is now. Strength of institutions like the judiciary, regulators, police, Government, Parliament will matter. Doing what is right and not populist is crucial. A “burning Lanka” tells all what not to do!
— Uday Kotak (@udaykotak) May 10, 2022
इसे भी पढ़ें : राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, लगाई रोक, पुनर्विचार तक दर्ज नहीं किये जा सकते केस
श्रीलंका एशिया का सबसे समृद्ध देश हो सकता था, पर
कुछ भारतीय हस्तियों ने इन हालातों को बयां करते हुए अपने देश को सीख लेने की नसीहत दी है. एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने श्रीलंका के हालातों को भारत के लिए चेतावनी करार दिया है. उन्होंने कहा, श्रीलंका एशिया का सबसे समृद्ध देश हो सकता था. उनके यहां साक्षरता, स्वास्थ्य सेवाएं, लिंगानुपात की दरें ऊंची थीं. लेकिन सिंहल और बौद्ध बहुसंख्यकों की वजह यह देश बर्बाद हो गया.
इसे भी पढ़ें : सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, भारत श्रीलंका में सेना भेजे… श्रीलंकाई हुए आगबबूला, निकाल रहे भड़ास
तो भारत का हाल भी श्रीलंका जैसा होगा
उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक धर्म और एक भाषा को महत्व दिया गया तो भारत का हाल भी श्रीलंका जैसा होगा. कुछ ऐसी ही राय वकील प्रशांत भूषण ने भी जाहिर की है. उन्होंने कुछ अखबारों की कटिंग्स को ट्विटर पर शेयर कर भारत और श्रीलंका के हालातों की तुलना की है. उन्होंने लिखा, श्रीलंका के सत्ताधारियों ने बीते कुछ सालों में जो किया और भारत के सत्ताधारी जो आज कर रहे हैं, उनमें आपको कुछ समानता दिख रही है? क्या भारत में इसके परिणाम भी वैसे ही होंगे जैसे आज श्रीलंका के हालात हैं?
इसे भी पढ़ें : प्रशांत किशोर ने कहा, पीएम मोदी ने भाजपा को ऐसे रास्ते पर पहुंचा दिया है जहां उसे चुनौती देना आसान नहीं…
जलता हुआ श्रीलंका बता रहा है कि क्या नहीं करना चाहिए
उदय कोटक ने ट्वीट कर कहा कि जलता हुआ श्रीलंका बता रहा है कि क्या नहीं करना चाहिए. कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ उदय कोटक ने ट्वीट किया, रूस-यूक्रेन के बीच जंग चल रही है और यह मुश्किल ही होता जा रहा है. देशों की असल परीक्षा अब है. न्यायपालिका, रेग्युलेटरी अथॉरिटीज, पुलिस, सरकार, संसद जैसी संस्थाओं की ताकत मायने रखेगी. वो करना जो सही है, लोकलुभावन नहीं, महत्वपूर्ण है.
श्रीलंका पर कर्ज बढ़कर 51 अरब डॉलर तक जा पहुंचा
उदय कोटक की टिप्पणी में किसी का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन उनकी राय को मोदी सरकार के लिए एक सलाह के तौर पर भी कुछ लोग देख रहे हैं. एक दौर में वह मोदी सरकार के समर्थकों में से एक रहे हैं. बता दें कि श्रीलंका में हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं और अर्थव्यवस्था इतनी कमजोर हो चली है कि विदेशी मुद्रा भंडार घटकर केवल 50 अरब डॉलर तक आ गया है. श्रीलंका का दूसरे देशों से लिया कर्ज भी बढ़कर 51 अरब डॉलर तक जा पहुंचा है.