Colombo : भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा श्रीलंका में भारतीय सेना भेजने की मांग पर सोशल मीडिया में बवाल मच गया है. बता दें कि श्रीलंका में गृहयुद्ध जैसे हालात हैं. महिंदा राजपक्षे परिवार के बेहद करीबी समझे जाने वाले सुब्रमण्यम स्वामी की इस मांग पर श्रीलंका में प्रदर्शन कर रहे लोगों के भड़कने की खबर है.
India must send in the Indian Army to restore Constitutional sanity. At present anti Indian foreign forces are taking advantage of people’s anger. This affects India’s national security
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 10, 2022
In 1987 Sri Lanka’s President Jayawardane signed a pact for Indian troops to bring normalcy in North Sri Lanka. We succeeded and held local elections too. But in Colombo, Premadasa took office and promptly starting financing and providing arms to LTTE. Betrayed we withdrew IPKF.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 10, 2022
भारत विरोधी विदेशी ताकतें फायदा उठा रही हैं
स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि भारत निश्चित रूप से भारतीय सेना को वहां संवैधानिक स्थिति बहाल करने के लिए भेजे. लिखा कि वर्तमान समय में भारत विरोधी विदेशी ताकतें लोगों के गुस्से का फायदा उठा रही हैं. यह भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है. हालांकि स्वामी ने पहले सीधे तौर पर श्रीलंका का नाम नहीं लिया था, लेकिन बाद में कहा कि उनका बयान श्रीलंका को लेकर है.
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स्वामी बोले, श्रीलंका में सफल रही थी भारतीय सेना
स्वामी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 1987 में श्रीलंका के राष्ट्रपति जयवर्द्धने ने भारतीय सेना को लाने के लिए एक समझौता किया था ताकि उत्तरी श्रीलंका में सामान्य स्थिति बहाल की जा सके. कहा कि हम सफल रहे और स्थानीय चुनाव भी हुए. लेकिन जब कोलंबो में प्रेमदासा की सरकार आयी तो उसने तेजी से (तमिल आतंकी संगठन) लिट्टे को पैसा और हथियार मुहैया कराना शुरू कर दिया. कहा कि धोखा दिये जाने पर हमने अपनी भारतीय शांति सेना को वापस बुला लिया.
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स्वामी की मांग पर प्रदर्शनकारी आक्रोशित हैं
जान लें कि स्वामी की मांग पर श्रीलंका के प्रदर्शनकारी आक्रोशित हैं. वे सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं. एक यूजर चाथू ने स्वामी को ट्वीट करके कहा, इसका भारत पर क्या असर होगा ? मेरे प्यांरे भारतीय दोस्तों एक श्रीलंकाई नागरिक होने के नाते हम आपको आश्वासन देते हैं कि यहां पर कोई भी भारत विरोधी विदेशी ताकतें शामिल नहीं हैं. स्वामी जी मैं पूरे सम्मान से कहना चाहता हूं कि आप अपने काम पर ध्यान दें.
स्वामी जी मैं आपका दर्द समझ सकता हूं
एक अन्य यूजर लाम केसरा ने कहा, स्वामी जी मैं आपका दर्द समझ सकता हूं जब आपके पारिवारिक मित्र राजपक्षे का शासन पतन की राह पर है. हम श्रीलंकाई इसका ध्यान रख सकते हैं. आप अपने काम से काम रखें. स्वामी के इस ट्वीट पर अब तक सैंकड़ों लोग कॉमेंट कर चुके हैं. बता दें कि श्रीलंका में बढ़ती हिंसा को देखते हुए सशस्त्र बलों को व्यक्तिगत नुकसान पहुंचाने वाले या दूसरों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने/लूटने वाले किसी व्यक्ति पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है.
हिंसा में आठ लोग मारे गये हैं
सोमवार को हुई हिंसा के बाद से सत्ताधारी दल के एक राजनेता, एक पुलिस अधिकारी और आम नागरिक सहित आठ लोग मारे गये हैं. घायल हुए 219 लोगों का सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. प्रदर्शनकारियों ने सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के परिवार के सदस्यों के घरों को आग के हवाले कर दिया है. स्वाधमी के करीबी महिंदा राजपक्षे के आधिकारिक आवास को भी जलाने का प्रयास किया गया है. उनका पैतृक आवास भी जलाकर राख में बदल दिया गया है.