Ranchi: ईडी एक हजार करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन मामले की जांच कर रही है. इसी क्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को झारखंड पुलिस के डीएसपी प्रमोद मिश्रा से बरहरवा टोल प्लाजा मामले के बारे में पूछताछ की. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता शंभु नंदन कुमार द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के 24 घंटे के भीतर उन्होंने मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा (झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि) को कैसे क्लीन चिट दे दी. इस पर डीएसपी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके.
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डीएसपी प्रमोद मिश्रा ईडी के सवालों का नहीं दे पाए जवाब
ईडी ने डीएसपी यह बताने के लिए कहा कि उन्होंने उनके खिलाफ डिजिटल सबूतों की जांच क्यों नहीं की, और क्या उन पर मिश्रा और आलमगीर आलम को क्लीन चिट देने का कोई दबाव था. 2020 में बरहरवा में तैनात डीएसपी के रूप में उन्हें बड़ी संख्या में मामलों की निगरानी करनी होगी. लेकिन इस प्राथमिकी की जांच उन्होंने इतनी जल्दी की और इतनी जल्दी अंतिम रूप दे दिया, ईडी ने पूछा कि क्या वे उच्च अधिकारियों के निर्देश पर काम कर रहे थे. ऐसे सवालों का जवाब प्रमोद मिश्रा नहीं दे पाए.
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ईडी ने डीएसपी प्रमोद मिश्रा और उनके परिवार की संपत्ति का मांगा ब्यौरा
ईडी ने पूछताछ के दौरान डीएसपी से उनकी व्यक्तिगत और पैतृक संपत्तियों के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों और उनकी आय का विवरण प्रस्तुत करने को कहा. इससे पहले डीएसपी पीके मिश्रा को ईडी दो बार समन भेज चुकी थी, लेकिन वे ईडी के ऑफिस नहीं पहुंचे. समन के खिलाफ डीएसपी प्रमोद मिश्रा झारखंड हाईकोर्ट गए, लेकिन कोर्ट ने भी उन्हें एजेंसी के सामने हाजिर होने का आदेश दे दिया था. जिसके बाद वो सोमवार को पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष पेश हुए.