NewDelhi : अगर किसी हिंदू पुरुष की बिना विल (वसीयत) की मौत हो जाये तो उसकी बेटियां पिता की खुद की अर्जित संपत्ति और अन्य संपत्ति पाने की हकदार होंगी. सुप्रीम कोर्ट का यह अहम फैसला सामने आया है .सुप्रीम कोर्ट के अनुसार बेटी को अन्य सदस्यों की अपेक्षा ज्यादा वरीयता मिलेगी. जान लें कि सुप्रीम कोर्ट में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गयी थी.
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जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने की सुनवाई
खबरों के अनुसार हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत हिंदू महिलाओं और विधवाओं को संपत्ति के अधिकार से संबंधित यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया था. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा कि विल के बिना यदि शख्स की मौत हो जाये तो उसकी मौत के बाद संपत्ति चाहे खुद की अर्जित की हुई हो या फिर पैतृक संपत्ति के बंटवारे के बाद उसे मिली हो, उनका बंटवारा उनके कानूनी वारिसों के बीच होगा.
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वरीयता में संपत्ति की उत्तराधिकारी होने की हकदार होगी
इसके साथ ही पीठ का कहना था कि ऐसे पुरुष हिंदू की बेटी अपने अन्य संबंधियों ( मृत पिता के भाइयों के बेटे/बेटियों) के साथ वरीयता में संपत्ति की उत्तराधिकारी होने की हकदार होगी. जान लें कि एक बेटी ने पिता की खुद की अर्जित संपत्ति में दावेदारी के लिए अदालत में गुहार लगायी थी. बैंच किसी अन्य कानूनी उत्तराधिकारी की अनुपस्थिति में बेटी को अपने पिता की स्व-अर्जित संपत्ति लेने के अधिकार से संबंधित कानूनी मुद्दे पर सुनवाई कर रही थी.