Saurav Singh
Ranchi : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर हुए इंस्पेक्टर-दारोगा के तबादले में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है. एक आईजी और एक डीआईजी की भूमिका संदेह के घेरे में है. क्योंकि दो अफसरों ने ही तबादले की लिस्ट तैयार की थी. दो अफसरों ने डीजीपी समेत अन्य सीनियर अफसरों को अंधेरे में रखा. चुनाव आयोग की आपत्ति के बाद पूरे विभाग की फजीहत हो रही है. इसका खामियाजा जिलों के एसपी को भुगतना पड़ रहा है. ताजा सूचना कोडरमा जिले से है. 25 जनवरी को कोडरमा के एसपी ने वहां के डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को एक पत्र लिखा है. पत्र की प्रति पुलिस मुख्यालय के अफसरों को भी दी है. पत्र से स्पष्ट होता है कि तबादले में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और चुनाव आयोग के निर्देशों को नजरअंदाज किया गया है.
गिरिडीह-हजारीबाग का कुछ हिस्सा कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में आता है
पत्र के मुताबिक, गिरिडीह जिला का अधिकांश हिस्सा और हजारीबाग जिला का कुछ हिस्सा कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में आता है. साथ ही कोडरमा जिला का कुछ हिस्सा हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में आता है. कोडरमा जिला में पदस्थापित किये गये एक इंस्पेक्टर और 18 दारोगा हजारीबाग या गिरिडीह जिला से बदल कर आये हैं. एक इंस्पेक्टर और चार दारोगा हजारीबाग जिला से और 14 दारोगा गिरिडीह जिला बल से आये हैं. एसपी ने डीसी को पत्र लिखकर आगे की कार्रवाई का अनुरोध किया है.
तबादला सूची ने खड़े कर दिये हैं कई सवाल
तबादला सूची ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं. पहला यह कि क्या मुख्यालय के दोनों अफसरों को इतना भी नहीं पता कि संसदीय क्षेत्र, जिलों की सीमा रेखा से बाहर है. दूसरा सवाल यह उठ रहा है कि बगल के जिले में तबादला करने की क्या मजबूरी थी. तीसरा सवाल यह है कि पुलिस मैनुअल के प्रावधानों के तहत तबादले में रेंज व जोन का ध्यान क्यों नहीं रखा गया. चौथा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आखिर किस मापदंड और नियम के तहत ए ग्रेड के जिला से ए ग्रेड के जिला में तबादला किया गया.