Varanasi : वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में पूजा जारी रहेगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष द्वारा वाराणसी कोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने 15 फरवरी को दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना जारी रहेगी. कोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले के संपूर्ण रिकॉर्ड को देखने और संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत को वाराणसी के जिला न्यायाधीश द्वारा पारित निर्णय में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं मिला.
Allahabad HC dismisses appeal challenging Varanasi court order allowing ‘puja’ in Vyas Tehkhana (southern cellar) of Gyanvapi mosque
— Press Trust of India (@PTI_News) February 26, 2024
मुस्लिम कमेटी ने वाराणसी कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के दोनों निर्णयों के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. वाराणसी के जिला न्यायाधीश ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को व्यास जी के तहखाने का रिसीवर नियुक्त करने का आदेश 17 जनवरी, 2024 को पारित किया था. वहीं तहखाने में पूजा करने की अनुमति देने का निर्णय 31 जनवरी 2024 को पारित किया था.
सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं मुस्लिम पक्ष
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज इलाहबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया के आदेश की पहली अपील को खारिज कर दिया है, जो 17 और 31 जनवरी के आदेश के खिलाफ निर्देशित की गयी थी. कहा कि व्यास तहखाने में जैसे पूजा चल रही थी, वह आगे भी चलती रहेगी. अगर अंजुमन इंतजामिया सुप्रीम कोर्ट आती है तो हम भी सुप्रीम कोर्ट में अपनी कैविएट दाखिल करेंगे. ज्ञानवापी मामले में अधिवक्ता प्रभाष पांडे ने कहा कि आज अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है. व्यास तहखाने में पूजा जारी रहेगी. सनातन धर्म के लिए यह बड़ी जीत है. मुस्लिम पक्ष इसमें रिव्यू कर सकते हैं या सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं.