Ranchi: साहिबगंज से पिछले दो साल के दौरान बिना चालान 3531 रैक पत्थर के चिप्स बाहर भेजे गए. जिससे करीब 155 करोड़ राजस्व का नुकसान हुआ है. ईडी के द्वारा 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन मामले में दायर चार्जशीट से यह खुलासा हुआ है. इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को पावरब्रोकर प्रेम प्रकाश और एक स्थानीय अपराधी बच्चू यादव के साथ आरोपी बनाया गया है.
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बिना चालान के 3531 रैक पत्थर चिप्स भेजे गए बाहर
साहिबगंज और आसपास के क्षेत्रों में कई रेलवे लोडिंग पॉइंट्स से स्टोन चिप्स से लदे रैक के संबंध में जांच जारी है. ईडी की जांच में पता चला है कि पिछले दो साल में (2020 के बाद से) लगभग 3531 रैक में बिना खनन चालान के स्टोन चिप्स से लोड किया गया. इसके अलावा इन खनन आय को सरकारी खजाने को रॉयल्टी का भुगतान किए बिना अवैध रूप से विभिन्न गंतव्यों तक पहुंचाया गया है. ईडी ने अपनी चार्जशीट में पूर्व रेलवे के मालदा डिवीजन द्वारा उपलब्ध कराई गई रैक बुकिंग रिपोर्ट को संलग्न किया है.
जानें आंकड़े से कैसे हुई स्टोन चिप्स की ढुलाई
एक रैक में आमतौर पर 42 वैगन होते हैं. एक वैगन 42 क्यूबिक मीटर स्टोन चिप्स ले जा सकता है और पूरे रैक में 1764 क्यूबिक मीटर स्टोन चिप्स ले जाया जा सकता है. इस गणना के अनुसार, कुल 6295773 क्यूबिक मीटर स्टोन चिप्स को 3531 रैक द्वारा ले जाया गया. खान एवं खनिज (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 1957 की धारा 15 के अनुसार, राज्य सरकार को खनिजों के संबंध में खनन पट्टों या अन्य खनिज रियायतों के अनुदान को विनियमित करने और उससे जुड़े उद्देश्यों के लिए नियम बनाने का अधिकार है. राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के तहत दी गई खनन पट्टा या किसी अन्य खनिज रियायत के धारक को इस प्रकार बनाए गए नियमों में फिलहाल निर्धारित दर पर रॉयल्टी का भुगतान करना होगा.
नदी के रास्ते भी हुआ अवैध परिवहन
ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि गंगा नदी के रास्ते भी अवैध परिवहन किया गया था. पंकज मिश्रा अंतर्देशीय नौका सेवा को नियंत्रित करते हैं और पत्थर के चिप्स से लदे ट्रकों को बिना किसी चालान के ले जाया जाता था. ईडी ने कहा कि जिला खनन अधिकारी बिभूति कुमार ने स्वीकार किया है कि पत्थर के चिप्स का अवैध खनन और परिवहन हुआ है और यह साहिबगंज से मालवाहक जहाजों के माध्यम से बाहर भेजे गए.
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