New Delhi : सुप्रीम कोर्ट से आज एक अहम खबर आयी है. सुप्रीम कोर्ट वीवीपैट वेरिफिकेशन की मांग को लेकर दायर सभी याचिकाएं आज शुक्रवार को खारिज दी. बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने की मांग को लेकर दर्ज याचिका भी खारिज कर दिये जाने की सूचना है. मार्च 2023 में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने 100 फीसदी ईवीएम पर पड़े वोटों और वीवीपैट की पर्चियों का मिलान करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Supreme Court dismisses all petitions seeking 100% verification of VVPAT slips during elections
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— ANI Digital (@ani_digital) April 26, 2024
VIDEO | Here’s what advocate Prashant Bhushan said on Supreme Court rejecting pleas seeking complete cross-verification of votes cast using #EVMs with Voter Verifiable Paper Audit Trail (#VVPAT).
“The court has not accepted our demands but has directed the Election Commission to… pic.twitter.com/YuvvXhVVB8
— Press Trust of India (@PTI_News) April 26, 2024
जान लें कि SC के इस फैसले से electronic voting machine (ईवीएम) के जरिए डाले गये वोट की वीवीपैट की पर्चियों से शत-प्रतिशत मिलान की मांग को झटका लगा है. फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षा वाली बेंच ने सहमति से दिया है.
ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान नहीं किया जायेगा
सुप्रीम कोर्ट के अहम फैसले में अब यह साफ हो गया है कि देश में वोटिंग अब ईवीएम से ही होगी. ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान नहीं किया जायेगा. 45 दिनों तक वीवीपैट की पर्ची सुरक्षित रखने का आदेश है. साथ ही उम्मीदवारों के हस्ताक्षर के साथ सुरक्षित रखे जायेंगे. इसके अलावा कोर्ट द्वारा सिंबल लोडिंग यूनिट सील करने का निर्देश दिया गया है.
किसी भी सिस्टम पर आंख मूंदकर अविश्वास करने से संदेह ही पैदा होता है
फैसला सुनाते हुए जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि किसी भी सिस्टम पर आंख मूंदकर अविश्वास करने से संदेह ही पैदा होता है. कहा कि लोकतंत्र का मतलब ही विश्वास और सौहार्द बनाए रखना है. मौजूदा समय में वीवीपैट वेरिफिकेशन के तहत लोकसभा क्षेत्र की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के सिर्फ पांच मतदान केंद्रों के ईवीएम वोटों और वीवीपैट पर्ची का मिलान किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चुनाव आयोग ने कहा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट के इस फैसले के बाद अब किसी को शक नहीं रहना चाहिए. अब पुराने सवाल खत्म हो जाने चाहिए. सवालों से वोटर के मन में शक होता है.