Bijnaur : उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक बार फिर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गयी. पुलिस के अनुसार, दो सगे भाइयों ने रविवार की शाम भगवा कपड़े पहन कर तीन मजारों में तोड़फोड़ की. कुछ चादरों को जला दिया गया. दोनों युवकों ने मजारों को सरिया और हथौड़े से तोड़ने के बाद वहां चढ़ाई गई चादरों में आग लगा दी. ई है. मजारों में तोड़फोड़ करने वाले दोनों सगे भाई निकले हैं. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों से पुलिस और इंटेलिजेंस पूछताछ कर रही है. पुलिस के मुताबिक यह पूरा मामला कांवड़ यात्रा के बीच माहौल को खराब करने की कोशिश है. अराजक तत्वों के द्वारा एक साजिश के तहत जानबूझकर कर प्रदेश का माहौल और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है. पुलिस अब अधिक सतर्कता बरत रही है.
एक आरोपी को भीड़ ने दबोचा
बिजनौर के शेरकोट थाना क्षेत्र में दरगाह भूरे शाह बाबा, जलालशाह बाबा और कुतुबशाह बाबा की मजार है. पुलिस को सूचना मिली कि भगवा कपड़े पहने दो युवक मजारों में तोड़फोड़ कर रहे हैं. लोगों ने उनको पकड़ने का प्रयास किया तो उनमें से एक फरार हो गया. दूसरे युवक को दबोच लिया गया. दूसरे युवक को सोमवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया.
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आरोपी कमाल और आदिल राजमिस्त्री का काम करते हैं
आरोपी कमाल और आदिल सगे भाई हैं. दोनों ही राजमिस्त्री का काम करते हैं. जांच में सामने आया है कि यह दोनों देवबंदी फिरके के हैं, जो कि मजारों में विश्वास नहीं रखते हैं. इसी वजह से इन दोनों ने मजारों में तोड़फोड़ की है. हालांकि, दोनों ने तोड़फोड़ के समय भगवा पहन रखा था, जिससे मामले को दूसरा रंग दिया जा सके. फिलहाल दोनों से पूछताछ की जा रही है. आरोपियों के पिता उस्मान भी मजदूरी का काम करते हैं. कमाल और आदिल के अलावा उनका एक बेटा और है. जिसकी मौत हो चुकी है. कमाल सबसे बड़ा है. उसकी शादी हो चुकी है. उसके चार बच्चे भी हैं.
बहन बोली- भाई डिप्रेशन में रहता है
आरोपियों की बहन आयशा ने बताया, मेरे तीन भाई थे. एक की मौत हो चुकी है. इसकी वजह से बड़े भाई कमाल डिप्रेशन में चले गए हैं. उनकी दवाएं वगैरह भी चलीं. थोड़ा ठीक हुए तो कुछ दिन पहले उन्हें कुवैत भेज दिया गया. उनकी दिमागी हालत देख कर उन्हें वहां से रिटर्न कर दिया गया. अब वह जब कल गए तो उन्होंने पहले जब मजार तोड़ी तो मेरा छोटा भाई वहां नहीं था. वह बाद में गया. अगर उनका दिमाग सही होता तो वह मजार क्यों तोड़ते? आखिर वह भी तो मुसलमान हैं. वह सिर्फ डिप्रेशन में हैं. इस वजह से उन्होंने तोड़ा. भगवा कपड़े क्यों पहने के सवाल पर आयशा ने कहा, “वह पहले भगवा कपड़े लेकर आए थे. उन्हें हम लोगों ने समझाया कि कोई हिंदू मस्लिम नहीं होता यह गलत है, लेकिन वह नहीं माने. हम लोगों को अंदाजा नहीं था कि वह ऐसा कोई कदम उठायेंगे.
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