London : भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने मंगलवार को उस समय इतिहास रच दिया, जब उन्हें महाराजा चार्ल्स तृतीय ने ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया. वे ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री होंगे. ब्रिटिश महाराज चार्ल्स तृतीय ने ऋषि सुनक शपथ दिलाई. शपथग्रहण के बाद ऋषि सुनक ने ब्रिटिश महाराज के हाथों को चूमकर अपनी वफादारी की कसम खायी. कार्यक्रम का आयोजन बकिंघम पैलेस में किया गया. इससे पहले उन्हें दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था. ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) हिंदू हैं और वह पिछले 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं.
#WATCH | Rishi Sunak appointed new British PM by King Charles III, arrives at 10 Downing Street
(Video source: Reuters) pic.twitter.com/Z6L6XvHEMz
— ANI (@ANI) October 25, 2022
Rishi Sunak appointed new British PM by King Charles III
Read @ANI Story | https://t.co/sT38pzl3j7#RishiSunak #UK #UnitedKingdom #KingCharlesIII pic.twitter.com/Cx7WxoXK0D
— ANI Digital (@ani_digital) October 25, 2022
I will place economic stability & confidence at the heart of this govt’s agenda. This will mean difficult decisions to come. But you saw me during COVID doing everything I could to protect people & businesses. There were always limits more so now than ever: British PM #RishiSunak pic.twitter.com/GhTMlUuAIl
— ANI (@ANI) October 25, 2022
इसे भी पढ़ें : डेढ़ घंटे ठप रही WhatsApp की सेवा बहाल, मैसेज न आ रहे थे, न जा रहे थे , यूजर्स की जान में जान आयी
सुनक ने कहा, उनकी प्राथमिकता देश को एकजुट करना
पार्टी का नेता चुने जाने के बाद अपने पहले संबोधन में सुनक ने सोमवार को कहा था कि उनकी प्राथमिकता देश को एकजुट करना होगा. सुनक ने कहा, मैं वादा करता हूं कि मैं सत्यनिष्ठा और विनम्रता के साथ आपकी सेवा करूंगा तथा ब्रिटेन के लोगों की निरंतर सेवा करूंगा. उन्होंने कहा था कि ब्रिटेन एक महान देश है, लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश एक गंभीर आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है. बता दें कि इस मौके पर कुछ सार्वजनिक तस्वीरों के बाद महाराज चार्ल्स तृतीय और प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बीच एक गुप्त बैठक भी हुई. जान लें कि इस बैठक का कोई भी रिकॉर्ड नहीं रखा जाता. जान लें कि इस्तीफा देने वाली लिज ट्रस आर्थिक नीतियों और कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर आलोचना झेल रही थीं.
इसे भी पढ़ें : दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद जमकर फोड़े गये पटाखे, वायु प्रदूषण बढ़ा
ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विश्वसनीयता को बहाल करना होगा प्राथमिकता
कि सुनक ने ऐसे समय सत्ता की कमान संभाली है, जब ब्रिटेन धीमी गति से विकास, उच्च मुद्रास्फीति, यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी और बजट घाटा जैसे मुद्दों से जूझ रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की वित्तीय विश्वसनीयता को कमजोर किया है.उनका पहला काम ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, क्योंकि निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस द्वारा करों में कटौती किये की योजना और एक महंगी ऊर्जा मूल्य गारंटी ने बांड बाजार को झकझोर दिया. उसके पास कर दरों को बढ़ाने और खर्च में कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, जो अलोकप्रिय होगा और इसके अप्रत्याशित राजनीतिक परिणाम भी हो सकते हैं.
सुनक एक साल के अंदर तीसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री
ऋषि सुनक एक साल के अंदर तीसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं. सुनक के प्रधानमंत्री पद पर शपथग्रहण के बाद सबकी नजर उनके कैबिनेट पर टिकी हुई हैं. जानकारी के अनुसार कुछ ही घंटों में सुनक अपनी नयी टीम सामने ला सकते हैं. सबकी नजर ब्रिटेन के वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और गृह मंत्री के पद पर टिकी हुई हैं. जानकारों का मानना है कि ब्रिटेन की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सुनक को एक सुलझा हुआ और एक्सपर्ट वित्त मंत्री की जरूरत है. साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन की आक्रामकता से मुकाबला करने के लिए उन्हें एक मजबूत विदेश मंत्री भी हो. टीम में एक योग्य गृह मंत्री का भी होना आवश्यक है.