Ranchi : भाजपा ने झारखंड के 11 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. गिरिडीह लोकसभा का सीट आजसू को मिलना तय है. लेकिन खबर है कि आजसू इस लोकसभा से प्रत्याशी नहीं उतारना चाहती. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी ने जीत दर्ज की थी. कुर्मी बहुल लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं में उम्मीद जगी थी कि अब गिरिडीह विकास की राह पर आगे बढ़ेगा. सांसद चौधरी लोगों के दुख-दर्द को दूर करेंगे, लेकिन ऐसा हो न सका. लोकसभा क्षेत्र के 60 फीसदी से अधिक इलाकों के मतदाता आज तक अपने सांसद को ठीक से देख भी नहीं पाये हैं. क्योंकि सांसद कभी अपने लोकसभा क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में पहुंचे ही नहीं. पूरा लोकसभा क्षेत्र सांसद प्रतिनिधि और अपने कुछ खास कार्यकर्ताओं के जिम्मे छोड़कर सिर्फ कोयला क्षेत्रों में आते-जाते रहे. चौधरी का ज्यादातर दौरा गिरिडीह टाउन, फुसरो, बाघमारा, पेटरवार, गोमिया, जरीडीह, डुमरी, कसमार और टुंडी जैसे कोयला क्षेत्रों में ही हुआ.
सांसद से जनता और नेता दोनों हैं नाराज
सांसद की बेरुखी की वजह से लोकसभा क्षेत्र के अधिकांश इलाकों के लोगों में नाराजगी है. भाजपा के कई नेता-कार्यकर्ता भी नाराजगी जताते हैं. चंद्रप्रकाश चौधरी के सांसद बनने के बाद गिरिडीह में मजबूत रही भाजपा कमजोर पड़ गयी. आजसू से गंठबंधन बनाये रखने के बदले भाजपा को अपने तेज-तर्रार रविंद्र पांडेय को खत्म करना पड़ा. चुनाव जीतने के बाद चंद्रप्रकाश चौधरी आजसू के कुछ खास नेताओं से ही घिरे रहे. गिरिडीह लोकसभा के प्रमुख भाजपा नेताओं से उन्होंने दूरी बनाये रखा. यही कारण है कि चुनाव से पहले वो दूसरे सेफ सीट की तलाश करने लगे थे. चर्चा शुरू हुई कि इस बार चंद्रप्रकाश के लिए आजसू हजारीबाग लोकसभा सीट की मांग करेगी. इस चर्चा पर तब विराम लग गया जब पहली लिस्ट में भाजपा ने हजारीबाग सीट से विधायक मनीष जायसवाल के नाम की घोषणा कर दी. अब अगर आजसू को कोई एक सीट मिलता है, तो वह गिरिडीह के अलावा कोई और नहीं हो सकता. क्योंकि चतरा और धनबाद को भाजपा किसी भी कीमत पर दूसरे दल को दे नहीं सकती.