Saurav Singh
Ranchi : झारखंड में निर्दोष लोग पुलिस की गोली का शिकार हो रहे हैं. पिछले एक दशक के दौरान झारखंड के अलग-अलग जिलों में दस लोगों की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गयी. पुलिस ने किसी को नक्सली तो किसी को अपराधी बताकर गोली मार दी. आइये बताते हैं कि कब और कहां पुलिस की गोली से निर्दष की मौत हुई है.
एक दशक में दस लोगों की गयी जान :
- 17 अप्रैल 2024 : गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र में पुलिस ने निर्दोष युवक हरिनारायण की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
- 20 मार्च 2020 : खूंटी के मुरहू में नक्सलियों की टोह में निकली पुलिस जवानों की गोली से एक निर्दोष ग्रामीण रोशन होरो की मौत हो गयी थी.
- 12 जून 2021 : लातेहार जिले के गारू थाना क्षेत्र के कुकू-पीरी जंगल में पुलिस की गोली से ग्रामीण ब्रह्मदेव सिंह की जान चली गयी थी.
- 28 नवंबर 2019 : सरायकेला जिले के कुचाई थाना क्षेत्र की रायसिंदरी पहाड़ी पर रघुनाथ मुंडा की पुलिस की गोली लगने से मौत हुई थी.
- 9 जून 2017 : गिरिडीह जिले के ढोलकट्टा के निकट माओवादियों से हुए कथित पुलिस मुठभेड़ में मोतीलाल बास्के मारे गये गये थे.
- 23 जून 2017 : चतरा के पिपरवार में सलमान नाम के युवक की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गयी थी.
- 03 सितंबर 2014 : गुमला बिशुनपुर के बेती स्कूल के पास पुलिस ने नक्सली समझ कर मजदूरों को ले जा रहे बॉक्साइट ट्रक पर फायरिंग कर दी थी. इस घटना में छह मजदूरों को गोली लगी थी. जिसमें दो मजदूर की जान चली गयी थी.
- 2012 : चाईबासा के मंगल होनहागा की मौत भी पुलिस की गोली लगने से हुई थी.
- 2011 : चाईबासा के छोटानागरा थाना क्षेत्र में पुलिस की गोली से सोमा गुड़िया की जान चली गयी थी.
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