Ranchi : ऑर्किड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने रविवार को रिस्क 2022 कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. रिस्क 2022 के तहत रेस्पिरेटरी मेडिसिन इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन विषय पर विशेषज्ञों ने अपनी बातें रखी. कई डॉक्टरों ने इलाज से संबंधित समस्याएं बतायी. मौके पर डॉक्टरों को आधुनिक तकनीक से इलाज करने के तरीके और दवाओं के बारे में बताया गया. कांफ्रेंस में मुख्य वक्ता के तौर पर कोलकाता के तीन विशेषज्ञ डॉ साइबल मोइत्रा, डॉ ए दास गुप्ता और डॉ देवराज उपस्थित थे.
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आला की मदद से 65 प्रतिशत मरीजों का नहीं होता है डायग्नोसिस
इस दौरान आर्किड मेडिकल सेंटर के पल्मोनरी के विशेषज्ञ डॉ नीशिथ ने बताया कि राज्य में बीपी, सुगर, हार्ट और कैंसर के मरीजों की तुलना में अस्थमा के मरीजों की संख्या बहुत अधिक है. उन्होंने बताया कि सिर्फ आला की मदद से अस्थमा के 65 फीसदी मरीजों की सही डायग्नोसिस नहीं हो पाती. इसके लिए स्पायरोमेट्री की बहुत अधिक आवयश्यकता है. इसके अलावा कांफ्रेंस के दौरान इलाज के एडवांस तकनीक और दवा के बारे में विशेष जानकारी दी गयी. वहीं रिस्क 2022 में डॉक्टरों को फेनो, एओएस और स्पाइरोमेट्री के बारे में ट्रेनिंग और जानकारी दी गयी .
ये रहे मौजूद
मौके पर डॉ एससी जैन, डॉ पीके गुप्ता, डॉ कर्नल अंजनी कुमार, डॉ अरुण सरकार, डॉ शेखर सिन्हा, डॉ देवदत्ता बंदोपाध्याय, डॉ अत्रि गंगोपाध्याय, डॉ जगदीश लोहिया सहित अन्य मौजूद थे.
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