LagatarDesk: टाइम मैगजीन ने दुनिया के टॉप 100 इमर्जिंग लीडर्स की लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और भारतीय मूल के पांच लोगों को जगह मिली है. इसमें ट्विटर के मुख्य वकील विजया गड्डे, ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक सहित अन्य भारतीय मूल के लोगों को जगह मिली है.
भीम आर्मी के चीफ ‘रावण’ भी लिस्ट में शामिल
भारतीय मूल की अन्य लोगों में इंस्टाकार्ट की संस्थापक और सीआईओ अपूर्वा मेहता, नॉन प्रॉफिट गेट अस पीपीआई की कार्यकारी निदेशक शिखा गुप्ता और नॉन प्रॉफिट अपसोल्व के रोहन पवुलुरी शामिल हैं. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण भी इस लिस्ट में शामिल हैं.
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भारतीय मूल के पांच लोगों की लिस्ट
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ऋषि सुनक
टाइम मैगजीन में 40 साल के ऋषि सुनक को भी जगह दी गयी है. सुनक इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद और भारतीय मूल के ब्रिटेन में वित्तमंत्री हैं. टाइम मैगजीन में ऋषि सुनक के बारे में कहा गया है कि एक साल से कुछ ज्यादा समय तक सुनक ब्रिटिश सरकार में मंत्री रहे. पिछले साल सुनक को ब्रिटेन का वित्त मंत्री बनाया गया. वह जल्द ही कोरोना महामारी के समय सरकार का उदारवादी चेहरा बन गये और उन लोगों के लिए राहत के उपायों को मंजूरी दी जिनकी नौकरी वायरस के कारण प्रभावित हुई. पत्रिका में कहा गया है कि यूवगोव के सर्वेक्षण के मुताबिक, सुनक देश के सबसे लोकप्रिय राजनीतिज्ञ हैं. वह ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के तौर ओडस्मेक की पसंद हैं.
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अपूर्वा मेहता
मैगजीन में 34 साल के अपूर्वा मेहता ने भी अपनी जगह बना ली है. अपूर्वा के बारे में कहा गया है कि कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों में इंस्टाकार्ट को बेतहाशा ऑर्डर मिले. सेवा के कर्मियों को अपने लिए राशन खरीदने में मदद करने के मकसद से एक साथ बड़ी संख्या में खरीदारी की. मेहता ने लेख में कहा कि भविष्य में स्मार्टफोन सुपर मार्केट होगा और हम उसके सह-निर्माण में मदद करने जा रहे हैं.
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विजया गड्डे
मैगजीन में 46 साल के विजया गड्डे को ट्विटर की सबसे शक्तिशाली अधिकारियों में से एक बताया है. विजया ने सीईओ जैक डोर्सी को बताया था कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्विटर अकाउंट संसद भवन पर छह जनवरी को हुए हमले के बाद निलंबित कर दिया गया है. मैगजीन में कहा गया है कि ट्विटर पर अब भी गलत जानकारी और उत्पीड़न होता है. जबकि विजया का प्रभाव कंपनी को धीरे-धीरे उस ओर ले जा रहा है, जो कहता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं बल्कि उसे कइयों के मानवाधिकार में से एक है.”
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शिखा गुप्ता
टाइम मैगजीन ने कहा कि शिखा गुप्ता और उनकी टीम ने ऐसे समय में स्वास्थ्य कर्मियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाये, जब व्हाइट हाउस से नेतृत्व कम थी.
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रोहन पवुलुरी और चंद्रशेखर आजाद रावण ने भी बनायी जगह
25 साल की रोहन पवुलुरी निशुल्क ऑनलाइन टूल की संस्थापक हैं. ये यूजर्स को खुद से दिवालियापन फार्म भरने में मदद करता है. वहीं 34 साल के चंद्रशेखर आजाद रावण को इस मैगजीन में जगह दी गयी. मैगजीन में कहा गया है कि वह दलित समुदाय को शिक्षा के जरिये गरीबी से निकालने में मदद करने के लिए स्कूल चलाते हैं. वह जाति-आधारित हिंसा के शिकार लोगों की रक्षा करने के लिए गांवों में जाते हैं. आजाद ने हाथरस में दलित युवती के साथ गैंगरेप के मामले में अभियान भी चलाये थे.
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