Medininagar (Palamu): मेदिनीनगर में भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉक्टर जगदीश चंद्र बसु की 163वीं जयंती मनाई गई. इस अवसर पर ज्ञान विज्ञान समिति के द्वारा “जीव विज्ञान में जगदीश चंद्र बसु की भूमिका” विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. विचार गोष्ठी की अध्यक्षता गोपाल प्रसाद सिंह ने की. गोष्ठी में मुख्य अतिथि ज्ञान विज्ञान समिति झारखंड के अध्यक्ष शिव शंकर प्रसाद मौजूद थे.
शिव शंकर प्रसाद ने कहा कि आज के समय में हमें अपने वैज्ञानिकों को याद करना चाहिए. उनके द्वारा किए गए शोध का अध्ययन करना चाहिए. ताकि हमें पता चले कि हमारे वैज्ञानिक किस तरह अपने बौद्धिक संपदा से देश दुनिया को दिशा दिये. कहा कि डॉ जगदीश चंद्र बसु जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और पुरातत्व पर अपना शोध केंद्रित रखे. डॉ बसु पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने पौधे के दुख-सुख के अनुभव को सार्वजनिक किये और बताये कि पौधा भी मनुष्य या जानवर की तरह संवेदनशील होता है. ज्ञान विज्ञान समिति पलामू के सचिव अजय साहू ने कहा कि विज्ञान हमारे जीवन को सुगम और सरल बनाता है. विज्ञान का अविष्कार हमारी जरूरत की पूर्ति करता है. इसके लिए हमारे वैज्ञानिक वर्षो मेहनत करते हैं. तब जाकर परिणाम निकलता है.
इसे भी पढ़ें- शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार को घेरने कांग्रेस ने बुलाई सोमवार को विपक्षी दलों की बैठक, टीएमसी की ना
युवा रचनाकार घनश्याम कुमार ने कहा कि आज के दिन डॉक्टर जगदीश चंद्र बसु को याद करना इसलिए भी जरूरी है कि आज अंधविश्वास का वातावरण समाज में छाया हुआ है. वैसे सच यह है कि अंधविश्वास को फैलाने के लिए भी लोग विज्ञान का ही सहारा लेते हैं. ज्ञान विज्ञान समिति ने इस तरह के वैज्ञानिकों को याद कर नई परंपरा की शुरुआत की है, जो अनुकरणीय कदम है. गोष्ठी में सूरजनाथ पांडे, सरिता देवी, चंदन कुमार, प्रेम प्रकाश, रोहित कुमार और अरुण कुमार मेहता ने भी अपने अपने विचार रखे.
इसे भी पढ़ें- पूर्व नौकरशाह पीएम मोदी व सरकारी अधिकारियों की सिविल सोसाइटी पर की गयी टिप्पणियों से नाराज, चिंता जताई