NewDelhi : पीओके दौरे पर गये 57 इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी (OIC) के महासचिव हिसान ब्राहिम ताहा द्वारा कश्मीर को लेकर दिये गये विवादित बयान पर भारत ने पलटवार किया है. भारत ने कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि भारत के आंतरिक मामलों में हम किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बता दें कि ओआईसी के महासचिव पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल जरदारी भुट्टो के आमंत्रण पर पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के साथ तीन दिवसीय पीओके और पाकिस्तान दौरे पर आये थे.
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कश्मीर विवाद क्षेत्रीय विवाद नहीं, एक राष्ट्र के भविष्य का मुद्दा है
मीडिया से बातचीत के दौरान ब्राहिम ताही के साथ पीओके के राष्ट्रपति सुल्तान महमूद, प्रधानमंत्री सरदार तनवीर इलियास और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार भी मौजूद थे. पीओके के राष्ट्रपति ने कहा कि कश्मीर विवाद एक क्षेत्रीय विवाद नहीं बल्कि एक राष्ट्र के भविष्य का मुद्दा है. ओआईसी प्रतिनिधि मंडल के एलओसी दौरे को लेकर राष्ट्रपति सुल्तान ने कहा कि वो इस पर एक रिपोर्ट काउंसिल ऑफ फॉरेन मिनिस्टर (CFM) को सौंपेंगे और उनसे सही फैसला लेने की बात कहेंगे.
ओआईसी के महासचिव ताहा ने कहा था कि कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए आईओसी बातचीत का एक खाका तैयार कर रहा है. कहा था कि कश्मीर मुद्दों को सुलझाने के लिए जरूरी है कि बातचीत की जाये. इसके लिए हम पाकिस्तान सरकार और अन्य देशों के साथ मिलकर एक योजना पर काम कर रहे हैं.
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इस्लामिक देशों का संगठन घोर सांप्रदायिक,पक्षपातपूर्ण है
ताहा के बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार को ओआईसी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस्लामिक देशों का संगठन घोर सांप्रदायिक, पक्षपातपूर्ण और तथ्यात्मक रूप से गलत स्टैंड लेकर पहले ही अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. दुर्भाग्य की बात है कि इसका महासचिव भी अब पाकिस्तान का प्यादा बन चुका है. कहा कि हम ओआईसी महासचिव ब्राहिम ताहा द्वारा जम्मू-कश्मीर पर की गयी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं. ओआईसी को साफ शब्दों में नसीहत देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैय किसी का भा हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जायेगा.
ओआईसी भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलता रहा है
अरिंदम बागची ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि वह भारत में खासकर जम्मू कश्मीर में जिस तरह से पाकिस्तान की ओर से क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाता है, उसके नापाक एजेंडे को आगे बढ़ाने में वह पाकिस्तान का भागीदार बनने से बचेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहा के पीओके दौरे पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे.
इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलता रहा है. अक्टूबर 2022 में भी ओआईसी ने बयान जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने की मांग की थी. साथ ही कश्मीर में हो रहे डेमोग्राफिक बदलाव को भी रोकने की मांग की थी.