NewDelhi : केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार देश के 52 बाघ अभयारण्यों के वन क्षेत्र में पिछले 10 सालों के दौरान 22.62 वर्ग किलोमीटर की कमी दर्ज की गयी है, हालांकि देश के वन क्षेत्र में 2,261 वर्ग किलोमीटर का इजाफा हुआ है. खबरों के असार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2021 जारी की. रिपोर्ट में कहा गया है कि 52 बाघ अभयारण्यों के वन क्षेत्र में पिछले दशक के दौरान 22.62 वर्ग किलोमीटर (0.04 प्रतिशत) की कमी आयी है.
रिपोर्ट कहती है कि 20 बाघ अभयारण्यों के क्षेत्रफल में 1.28 वर्ग किलोमीटर से लेकर 238.80 वर्ग किलोमीटर तक की बढ़त दर्ज की गयी. पर 32 बाघ अभयारण्यों के क्षेत्रफल में 0.06 वर्ग किलोमीटर से लेकर 118.97 वर्ग किलोमीटर तक की कमी आयी है.रिपोर्ट में बताया गया कि शेरों को रहने के लिहाज से उपयुक्त वन क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों के दौरान 33.43 वर्ग किलोमीटर की कमी आयी है.
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Tiger Corridor14 से 89.37 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है
बता दें कि बाघ गलियारा (Tiger Corridor) करीब 14 से 89.37 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला है, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 0.43 फीसदी है. वर्तमान में आकलन है कि बाघ गलियारों में वन आवरण 11,75.12 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के कुल वन क्षेत्र का 1.62 प्रतिशत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दशकीय आकलन के लिए आईएसएफआर-2011 (डेटा अवधि 2008 से 2009) और वर्तमान चक्र (आईएसएफआर-2021, डेटा अवधि 2019-2020) के बीच की अवधि के दौरान वन क्षेत्र में बदलाव का विश्लेषण किया गया.
52 बाघ अभयारण्यों में साल 2011-2021 के बीच तेलंगाना के कवाल स्थित अभयारण्य में सबसे अधिक 118.97 वर्ग किलोमीटर की कमी दर्ज की गयी. इसके बाद कर्नाटक के भद्रा में 53.09 वर्ग किलोमीटर और पश्चिम बंगाल के सुंदरबन में 40 वर्ग किलोमीटर तक वन क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गयी.
पिछले दशक में वन क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करने वाले बाघ अभयारण्य में पश्चिम बंगाल का बक्सा सबसे आगे है, जिसके वन क्षेत्र में 238.8 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई. इसके बाद तमिलनाडु के अन्नामलाई अभयारण्य में 120.78 वर्ग किलोमीटर और छत्तीसगढ़ के इंद्रावती स्थित अभयारण्य में 64.48 वर्ग किलोमीटर का इजाफा हुआ. शेरों के लिए उपयुक्त वन क्षेत्र के विश्लेषण के अनुसार, गुजरात स्थित गिर राष्ट्रीय उद्यान और गिर वन्यजीव अभयारण्य के वन क्षेत्र में 33.43 वर्ग किलोमीटर की कमी देखी गयी.
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गिर राष्ट्रीय उद्यान के वन क्षेत्र में 2.20 वर्ग किलोमीटर की गिरावट
गिर राष्ट्रीय उद्यान में जहां वन क्षेत्र में 2.20 वर्ग किलोमीटर की गिरावट दर्ज की गयी, वहीं गिर वन्य जीव अभयारण्य में 31.23 वर्ग किलोमीटर की कमी दर्ज की गयी. हालांकि इसी रिपोर्ट के अनुसार, देश का वन और वृक्ष आवरण 8.09 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, यह 2019 की तुलना में 2,261 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि है.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में बीते 13 जनवरी को यह रिपोर्ट जारी की, जो हर दो साल में भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) द्वारा तैयार की जाती है. रिपोर्ट के अनुसार, 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उनके भौगोलिक क्षेत्र का 33 प्रतिशत से अधिक हिस्सा वन आच्छादित है. इसमें मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है. उसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र हैं.
वन क्षेत्र में सबसे अधिक बढ़ोतरी पांच राज्यों में दर्ज की गयी है. इनमें आंध्र प्रदेश (647 वर्ग किमी की वृद्धि), तेलंगाना (632 वर्ग किमी), ओडिशा (537 वर्ग किमी), कर्नाटक (155 वर्ग किमी) और झारखंड (110 वर्ग किमी) शामिल हैं.