Bali : इंडोनेशिया के बाली प्रांत में आज मंगलवार को वार्षिक जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई, जिसमें कई वैश्विक नेता शिरकत कर रहे हैं. सम्मेलन में कोविड-19 वैश्विक महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले से उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा की जायेगी. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों से निपटने के तरीकों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जायेगा. हमारे ग्रह पर सतत विकास को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की जायेगी.
‘Have to return to path of ceasefire and diplomacy in Ukraine,’ PM Modi says at G20 Summit
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— ANI Digital (@ani_digital) November 15, 2022
At the #G20Summit this morning, spoke at the session on Food and Energy Security. Highlighted India’s efforts to further food security for our citizens. Also spoke about the need to ensure adequate supply chains as far as food and fertilisers are concerned: PM Narendra Modi pic.twitter.com/xp9RmTVKud
— ANI (@ANI) November 15, 2022
#WATCH | US President Joe Biden walks over to PM Narendra Modi before the start of #G20Summit in Bali, Indonesia.
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— ANI (@ANI) November 15, 2022
मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर अपने विचार रखे
सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष कर रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर अपने विचार रखे. पीएम ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का रास्ता खोजना होगा. कहा कि पिछली शताब्दी में द्वितीय विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया था. उसके बाद शांति का मार्ग अपनाने का प्रयास किया गया. अब हमारी बारी है. कोविड के बाद के समय के लिए एक नयी विश्व व्यवस्था बनाने का दायित्व हमारे कंधों पर है.
खाद की कमी कल का खाद्य संकट बन सकती है
इस क्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, आज की खाद की कमी कल का खाद्य संकट बन सकता है, जिसका समाधान दुनिया के पास नहीं होगा. हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर और सुनिश्चित बनाये रखने के लिए आपसी समझौता करना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने ऊर्जा सुरक्षा का भी जिक्र किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, वैश्विक विकास के लिए भारत की ऊर्जा-सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी प्रतिबंध को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.ऊर्जा बाजार में स्थिरता सुनिश्चित की जानी चाहिए. जोर देते हुए कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है.
प्रधानमंत्री मोदी ने जो बाइडन और इमैनुएल मैक्रों से बातचीत की
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से संक्षिप्त बातचीत की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, एक साथ उभरें, मजबूती से उभरें. खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा और स्वास्थ्य सहित समसामयिक वैश्विक चुनौतियों पर आज विस्तृत विचार-विमर्श किया जायेगा.जी20 शिखर सम्मेलन में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने विश्व नेताओं को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का पालन करने और युद्ध को समाप्त करने का आह्वान किया. उनका इशारा रूस-यूक्रेन संघर्ष की ओर था.
इंडोनेशिया जी20 समूह का वर्तमान अध्यक्ष है
विडोडो ने कहा, दुनिया के लोगों के प्रति सभी नेताओं की जिम्मेदारी बनती है. जिम्मेदार होने का मतलब संयुक्त राष्ट्र चार्टर का लगातार पालन करना है. इंडोनेशिया जी20 समूह का वर्तमान अध्यक्ष है. भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता संभालेगा. इंडोनेशिया ने करीब एक साल पहले जी20 की अध्यक्षता संभालते हुए एक साथ उभरें, मजबूती से उभरें… का नारा दिया था, जो उस समय कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप की मार झेल रही दुनिया के लिए एकदम उपयुक्त था. हालांकि, आज यह नारा थोड़ा कम प्रासंगिक प्रतीत हो रहा है. खासकर तब, जब रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद विश्व आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है और खाद्य एवं ऊर्जा स्रोतों की कमी का संकट मंडरा रहा है.
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प्रधानमंत्री चीन के राष्ट्रपति शी से मुलाकात करेंगे या नहीं….
यह शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर को आयोजित हो रहा है. जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. हालांकि, प्रधानमंत्री चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात करेंगे या नहीं, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है. अगर दोनों नेताओं के बीच मुलाकात होती है तो जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय मुलाकात होगी.
ऋषि सुनक के साथ अलग से मुलाकात का कोई जिक्र नहीं
ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ अलग से मुलाकात का भी कोई जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के उनके साथ द्विपक्षीय बैठक करने की संभावना है. जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं. जी20 वैश्विक आर्थिक सहयोग का एक प्रभावशाली संगठन है. यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है.