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Ranchi : कोरोना महामारी ने हर किसी के जीवन को प्रभावित किया है. ऐसा कोई वर्ग नहीं, जो इस महामारी से अछूता रहा हो. कइयों ने जान गवांयी, बहुत से बेरोजगार हो गये, तो किसी परिवार का इकलौता कमाने वाला ही चला गया. कितने ऐसे भी हैं जिनके कारोबार डूब गये और जीवन नैया ही डगमगा गयी. ऐसे में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना में आपदा से प्रभावित लोगों को लाभ देने का प्रावाधान है. कोरोना से अगर किसी परिवार के मुख्य अर्जनकर्ता की मृत्यु हुई है तो उन्हें भी योजना के तहत लाभ दिया जाएगा. रांची जिले में इसके तहत वर्ष 2021-22 के लिए कुल लक्ष्य 265 रखा गया है. इसमें 25 प्रतिशत लाभ आपदा से पीड़ित परिवारों को दिया जाना है. योजना के तह्त 99 लोगों को आवास दिये जा चुके हैं. 166 आवासों के लिए फिलहाल विभाग के पास 45 आवेदन आये हैं. उनपर विचार किया जाना है.
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अधिक से अधिक लाभ देने का इरादा
पीएमएवाई-जी पीएमयू के जिला कॉर्डिनेटर अमित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना का 25 प्रतिशत आपदा से प्रभावित लोगों को देने का प्रवाधान है. इसके तहत कोरोना महामारी के प्रभावित परिवारों को योजना का लाभ देने के लिए चिह्नित किया गया था. पर आपदा प्रभावित परिवारों को यह लाभ देने के लिए जितने आवेदन विभाग को मिले हैं, उन सभी मामलों में पति की ही मृत्यु हुई थी. एक भी आवेदन नहीं मिला, जिसमें किसी महिला की मृत्यु हुई हो. इस परिस्थिति में महिलाएं आपदा से पीड़ित होने के साथ ही विधवा श्रेणी में भी थी. अधिक से अधिक लोगों को योजना का लाभ पहुंचाने के लिए हमने उन्हें आपदा की जगह विधवा योग्यता कैटेगरी में डाला.
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क्या है योजना और किसे दिया जा रहा लाभ
ऐसे परिवार जिनके मुख्य अर्जनकर्ता की मौत कोरोना के कारण हुई है. उन्हें अंबेडकर आवास योजना का लाभ देना है. अंबेडकर आवास योजना के तहत विधवा, आपदा से प्रभावित परिवार और आवास विहीन महिला को लाभ दिया जाता है. इसके साथ ही इसमें मनरेगा के तहत 95 दिन की मजदूरी और एक लाख तीस हजार रुपये दिए जाते हैं. ये पैसे तीन किस्तों में दिये जाते हैं. पहली किस्त में 40 हजार, दूसरी में 85 हजार और तीसरी में 5 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है. पैसे सीधे लाभुक के खाते में भेजे जाते हैं.