Ranchi : इंटक के राष्ट्रीय सचिव संतोष सोनी ने FCI पर गम्भीर आरोप लगाये हैं. उनके मुताबिक़ एफसीआई ने नया खेल-खेलना शुरू कर दिया है. इस बार जो विभाग पर चालाकी दिखाने के आरोप लग रहे है. वह भी काफी गम्भीर है. मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक इस बार अनाज की हेराफेरी तो नहीं की जा रहीं है. लेकिन अनाज के ढुलाई का काला खेल जारी है.
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ट्रांसपोर्टरों को फायदा विभाग पहुंचाने में लगा हुआ है
जानकारी के मुताबिक राज्य के सभी जिलों में एफसीआई से अधिकृत मिलों में चावल के लाट उपलब्ध है. उसके बावजूद चावल का उठान उस जिले से नहीं कर के दुसरे जिलों से मंगाया जा रहा है. जिसे अनाज ढुलाई में लगी गाड़ियों यानी ये कहे कि ट्रांसपोर्टरों को फायदा विभाग पहुंचाने में लगा हुआ है. जिससे की केंद्र व झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा योजना के तहत बने ग्रीन कार्ड धारकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रीन कार्ड की शुरुआत झारखंड सरकार ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल पूरा होने पर घोषणा की थी. लेकिन जानकारी के हिसाब से एफसीआई के अधिकारियों की मनमानी की वजह से राज्य सरकार को राजस्व के नुकसान के अलावा ग्रीन कार्ड धारकों को समय से राशन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जब राज्य के जिलों में अधिकृत मिलों में चावल की उपलब्धता है.
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पूरा विभाग भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है
इंटक के राष्ट्रीय सचिव सह प्रवक्ता संतोष कुमार सोनी ने बताया कि पूरा विभाग भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. जिस जगह पर हाथ रखा जाएगा वही से पस निकला शुरू हो जाएगा. इस बार बहुत चालाकी से विभाग काम कर रहा है.जब सभी जिलों के अधिकृत मिलों में चावल उपलब्ध है तो अन्य जिलों से चावल क्यों मंगाए जा रहे है. इस किराये के खेल में विभाग के बेड़े से छोटे अधिकारी शामिल है. ट्रांसपोर्टरों से मिल कर कमीशन खा रहे है.जिससे की हर महीने लाखे के राजस्व का राज्य सरकार को नुकसान पहुंच रहा हैं. इस मामले की जांच हो और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई विभाग सुनिश्चित करें.
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