Ranchi : झारखंड पुलिस के अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना पसंद कर रहे. पिछले सात माह की बात की जाये तो झारखंड कैडर के चार आईपीएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये. इसके अलावा कई आईपीएस प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी में है. झारखंड में आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग में बरती जाने वाली अनियमितता केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने का प्रमुख वजह बताया जाता है.
इसे भी पढ़ें – ताली-थाली बजाकर एचईसी कर्मचारियों ने निकाला पैदल मार्च, समर्थन में उतरे कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप
पिछले सात महीने में चार आईपीएस गए प्रतिनियुक्ति पर
IPS प्रियंका मीणा : झारखंड कैडर के 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रियंका मीणा इस साल अप्रैल महीने में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल गई थी. उनका पोस्टिंग असिस्टेंट डायरेक्टर ( एसपी लेवल) एनसीआरबी ( नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) में हुई है. यह प्रतिनियुक्ति चार सालों के लिए हुई है. प्रियंका मीणा प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले लोहरदगा एसपी के पद पर पदस्थापित थी. इससे पहले वो एसपी एससीआरबी समेत कई अन्य पदों पर योगदान दे चुकी है.
IPS प्रशांत आनंद : 2013 बैच के आईपीएस प्रशांत आनंद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर 21 जून 2022 को चल गये है. इसको लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय ने प्रशांत आनंद को 20 जून को विरमित कर दिया है. बता दें कि प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले प्रशांत आनंद एटीएस एसपी के पद पर पदस्थापित थे. इससे पहले लातेहार जिले के एसपी के पद पर पदस्थापित रह चुके हैं.
IPS अंशुमन कुमार : 2013 बैच के आईपीएस अंशुमन कुमार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए 16 नवंबर को विरमित किये गये थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र भेजा था. जिसके बाद राज्य सरकार ने आईपीएस अधिकारी अंशुमन कुमार को विरमित कर दिया था. वह संयुक्त उप निदेशक, इंटेलिजेंस ब्यूरो के पद पर योगदान दिए. इससे पहले अंशुमान कुमार रांची सिटी एसपी के पद पर थे.
IPS विनित कुमार : 2017 बैच के आईपीएस अधिकारी विनीत कुमार को सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आठ दिसंबर को विरमित कर दिया था. विनीत कुमार इंटेलिजेंस ब्यूरो में एसपी स्तर के पद पर योगदान देंगे. बता दें कि 2017 बैच के आइपीएस अधिकारी विनीत कुमार 15 अक्टूबर 2019 एएसपी हटिया बनाए गए थे. प्रोन्नति के बाद उनको वायरलेस एसपी बनाया गया था.
इसे भी पढ़ें – दुनिया भर में इस साल अब तक 67 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे जा चुके हैं : आईएफजे