Tel Aviv : इजराइल और हमास के बीच गाजा में 7 अक्टूबर से युद्ध जारी है. लेकिन 22 नवंबर को दोनों देशों के बीच हुए समझौते आज से प्रभावी होंगे. समझौते के तहत युद्ध पर आज से चार दिनों तक विराम लगेगा. वहीं बंधकों के बदले इजराइल वहां जेलों में बंद कैदियों को छोड़ेगा. इन चार दिनों में हमास इजरायल के 50 बंधकों (20 महिलाएं और 30 बच्चों) रिहा करेगा. वहीं इजराइल भी गाजा पट्टी में बंधक बनाये गये लोगों की रिहाई के बदले वहां जेलों में बंद महिलाएं-नाबालिग समेत 150 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा. जो वेस्ट बैंक और पूर्वी जेरुशलम के रहने वाले हैं और इजरायल की जेलों में बंद हैं.
चार दिनों के बाद फिर से शुरू होगा युद्ध
इजराइल-हमास के बीच केवल चार दिन का युद्ध विराम रहेगा. इसकी समयसीमा समाप्त होने के बाद युद्ध फिर से प्रारंभ होगा. उक्त बातें इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कही. उन्होंने कहा कि इजराइल का लक्ष्य हमास के सभी सैन्य प्रतिष्ठानों को नष्ट करना और गाजा में बंधक बनाये गये सभी 240 लोगों को रिहा कराना है.
13 महिलाओं एवं बच्चों के पहले समूह को रिहा करेगा हमास
कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने गुरुवार को समझौते और युद्ध विराम को शुक्रवार सुबह से लागू करने की घोषणा की थी. माजिद अल-अंसारी ने कहा था कि चादिवसीय युद्ध विराम शुक्रवार सुबह से प्रभावी होगा. उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों ने रिहा किये जाने वाले बंधकों की सूची जारी है. हमास द्वारा बंधक बनाये गये 13 महिलाओं एवं बच्चों का पहला समूह शुक्रवार दोपहर को आजाद किया जायेगा. वहीं इजरायल एक बंधक के बदले में तीन फलस्तीनियों को रिहा करेगा. उन्होंने कहा कि गाजा में फलस्तीनियों के लिए जल्द से जल्द मदद को बढ़ाया जायेगा.
इजरायली हमले में 11,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गये
IDF के अनुसार, हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर आतंकी हमला किया था. हमास ने अपने 30000 लड़ाकों के साथ इस हमले में भाग लिया था, कहा कि हमास के लड़ाके 5 ब्रिगेड और 24 बटालियन में बंटे थे. हर बटालियन में 1000 से ज्यादा हमास के आतंकवादी लड़ाके थे. 7 अक्टूबर के बाद से इजरायल लगातार गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर बम बरसा रहा है. इजरायली सेना का ग्राउंड ऑपरेशन भी जारी है. इजरायल ने हमास के हजारों ठिकानों और सुरंगों को बर्बाद किया है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के हवाई और जमीनी हमलों में 13,300 से से अधिक फलस्तीनी मारे गये हैं. वहीं 6,000 अन्य लोग लापता हैं और उनके मलबे में दबे होने की आशंका है.