Sriharikota : इसरो ने 36 ब्रिटिश सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्च कर इतिहास रच दिया है. खबर है कि भारत के सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3-एम2/वनवेब इंडिया-1 (LVM3 M2/OneWeb India-1) का मिशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है. 36 ब्रिटिश सैटेलाइट शनिवार और रविवार की रात 12.07 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किये गये हैं. अंतरिक्ष एजेंसी ने सुबह 1 बज कर 42 मिनट पर यह घोषणा की कि LVM3 M2/OneWeb India-1 मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. इसरो ने कहा कि ब्रिटेन स्थित ग्राहकों के सभी 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को निर्धारित निचली कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया है.
ISRO launches 36 broadband satellites in its heaviest rocket from Sriharikota
Read @ANI Story | https://t.co/xokhjXZbBS#ISRO #Rocket #Sriharikota #BroadbandSatellite pic.twitter.com/d9xHbA0Hmx
— ANI Digital (@ani_digital) October 22, 2022
इसे भी पढें : लखनऊ एक्सप्रेसवे पर यात्री बस डंपर से टकरायी, 4 की मौत, 42 घायल, बस के परखच्चे उड़े
36 उपग्रह पेलोड का वजन लगभग 5.8 टन था
जानकारों के अनुसार यह मिशन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एलवीएम3 का पहला वाणिज्यिक मिशन है. इसके साथ ही भारत ने बाजार के भारी लॉन्च व्हीकल सेगमेंट में भी प्रवेश कर लिया है.. यह पहली बार था जब यह प्रक्षेपण यान कई उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले गया और उन्हें पृथ्वी की निचली कक्षा में प्रक्षेपित किया. यह भी पहली बार है जब भारत का कोई रॉकेट अंतरिक्ष में 6 टन का पेलोड ले गया. 36 उपग्रह पेलोड का वजन लगभग 5.8 टन था, जो अंतरिक्ष एजेंसी के लिए अब तक का सबसे भारी पेलोड है. LVM3 रॉकेट की क्षमता पृथ्वी की निचली कक्षा तक 8 टन तक ले जाने की है. पीएसएलवी बहुत हल्का वाहन है और 1.4 से 1.75 टन पेलोड ले जा सकता है. बता दें कि इस मिशन के सभी चार मिशन सफल रहे हैं और LVM3 एक भरोसेमंद प्रक्षेपण यान साबित हुआ है. LVM3 को वर्तमान में मानव रेटेड किया जा रहा है. यह गगनयान मिशन के तहत हमारे अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जायेगा
इसे भी पढें :जेलेंस्की का दावा, रूस ने यूक्रेन पर रातभर रॉकेट बरसाये, 10 लाख घर अंधेरे में डूबे