जादूगोड़ा : बीते जमाने में वनदेवी की पूजा करके लोग वनभोज का शुभारम्भ करते थे. उसके बाद शाम को नदी घाट से हरिसंकीर्तन करते हुए अपने-अपने घर को जाते थे. इस परंपरा को पोटका के सानग्राम के मंडल समाज ने जीवंत रखा है. गरुडा नदी के किनारे सान ग्राम के जगन्नाथ संकीर्तन समिति मंडल पाड़ा की ओर से रविवार को वनभोज का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद सूरज मंडल, सम्मानित अतिथि के रूप में माताजी आश्रम हाता के संचालक तथा साहित्यकार सुनील कुमार दे उपस्थित थे.
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वनभोज में शामिल लोग
जिला परिषद सूरज मंडल, सम्मानीय अतिथि सुनील कुमार दे के अलावे, बिद्युत पाल, चंदना पाल, तपन मंडल, निवारण चंद्र मंडल, महानंद मंडल, सुबोध मंडल, रोहित मंडल, निरंजन मंडल, पीयूष मंडल, जयदेव मंडल, शिबतोष नाग, शान्तु नाग आदि उपस्थित थे. इस अवसर पर सुनील कुमार दे ने कहा कि अपनी, भाषा, संस्कृति व धर्म आदमी की पहचान होता है. इसलिए किसी भी परिस्थिति में अपनी परंपरा को छोड़ना नहीं चाहिए. वनभोज एक ग्रामीण परंपरा है.