NewDelhi : गैर-मुस्लिम लोगों को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने सलाह दी है कि वे बेटियों को सह-शिक्षा देने से परहेज करें, ताकि वो अनैतिकता की चपेट में आने से बच जायें. बता दें कि जमीयत द्वारा जारी बयान के अनुसार संगठन की कार्यसमिति की बैठक में मौलाना मदनी ने यह टिप्पणी की. मौलाना मदनी ने कहा, अनैतिकता और अश्लीलता किसी भी धर्म की शिक्षा नहीं है.
कहा कि हर धर्म में इसकी निंदा की गयी है क्योंकि इनसे समाज में कदाचार फैलता है. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मैं अपने गैर-मुस्लिम भाइयों से कहना चाहूंगा कि वे बेटियों को सह-शिक्षा देने से परहेज करें, ताकि वो अनैतिकता से दूर रहें. उनके लिए अलग शिक्षण संस्थान स्थापित किये जाने की बात मौलाना ने कही.
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अरशद मदनी ने मॉब लिंचिंग पर भी बात रखी
अरशद मदनी ने मॉब लिंचिंग पर भी बात रखी. कहा कि SC के सख्त निर्देश के बाद भी मॉब लिंचिंग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. पूछा कि क्या यह संभव है कि ऐसा करने वालों को राजनीतिक संरक्षण और समर्थन न मिला हो? उन्होंने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दल, खासकर जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वो खुलकर सामने आएये और इसके खिलाफ कानून बनाने के लिए आवाज और व्यावहारिक कदम उठायें. सिर्फ निंदा कर देने से काम नहीं चलेगा.
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मुस्लिम समुदाय सिर्फ शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करे
मदनी के अनुसार, ऐसी घटनाएं उस समय अचानक बढ़ जाती हैं, जब किसी राज्य में चुनाव होते हैं, यह बहुत चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में मुस्लिम समुदाय को सिर्फ शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. जान लें कि साल 2018 में अरशद मदनी ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कानून बनाओ, जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गाय और इंसान की जिंदगी दोनों ही सुरक्षित रहे.