Jamshedpur : जुगसलाई शिवघाट रोड, सेंट जॉन स्कूल के समीप विकास रोडवेज के गोदाम से भारी मात्रा में बरामद प्रतिबंधित “ऑक्सीटॉसिन” जुगसलाई के कारोबारी अभिषेक पहाड़िया का है. उन्होंने उक्त प्रतिबंधित दवा पटना से मंगाया है. इसका खुलासा ड्रग इंस्पेक्टरों की जांच में हुआ. छापेमारी टीम के प्रमुख सह जमशेदपुर-1 के ड्रग इंस्पेक्टर मो. अबरार अंसारी ने बताया कि उक्त प्रतिबंधित दवा पटना से मंगायी गई है. इसका वैध बिल और भाउचर ट्रांसपोर्टर के पास नहीं है. ट्रांसपोर्टर के कर्मचारियों ने पूछताछ करने पर बताया कि उक्त दवा जुगसलाई के अभिषेक पहाड़िया का है. हालांकि छापेमारी के दौरान अभिषेक पहाड़िया और ट्रांसपोर्टर विकास फरार थे. इसके कारण उक्त प्रतिबंधित दवा को जब्त कर जुगसलाई थाना में रखा गया है. जांच टीम में ड्रग इंस्पेक्टर जमशेदपुर-2 सोनी बाड़ा और जमशेदपुर-3 के डॉ. रामचंद्र बेसरा के अलावे जुगसलाई थाना के पुलिस अवर निरीक्षक रौशन कुमार सहित अन्य विभागीय कर्मी और जवान शामिल थे.
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जब्त “ऑक्सीटॉसिन” की खुले बाजार में कीमत 10-12 लाख रुपये है
ड्रग इंस्पेक्टर मो. अबरार अंसारी ने बताया कि छापेमारी के दौरान गोदाम से 200 एमएल और 250 एमएल की बोतल में उक्त दवा को बरामद किया गया है. जिसे कार्टून में सील बंद करके रखा गया था. मवेशियों को दिए जाने वाले सैंपल के ऊपर दूध बहार लिखा हुआ है. बरामद किए गए ऑक्सीटॉसिन की बोतल में कहां इसकी मैन्युफैक्चरिंग की गई उसका जिक्र नहीं है. साथ ही दवा की बोतल में उसका मूल्य भी अंकित नहीं है. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यहां आने के बाद उक्त दवा को दूसरे छोटे बोतलों में भरकर बाजार में सप्लाई की जाती.
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झारखंड में नहीं है जांच के लिए लैब, दूसरे राज्यों में भेजा जाएगा सैंपल
ड्रग इंस्पेक्टर मो. अबरार अंसारी ने बताया कि जब्त दवा के सैंपल की जांच जल्द करायी जाएगी. इसके लिए विभागीय आदेश से इसे झारखंड से बाहर लैब में भेजा जाएगा. यह पूछे जाने पर कि झारखंड में इसकी जांच के लिए लैब नहीं है. उन्होंने कहा कि इस दवा की जांच के लिए यहां लैब नहीं है. इसलिए इसे विभागीय आदेश से कोलकाता, गुवाहाटी अथवा चेन्नई भेजा जाएगा.