Jamshedpur (Sunil Pandey) : करनडीह में आदिवासी सेंगेल अभियान की एक बैठक हुई. जिसमें गिरीडीह में स्थित मरांग बुरू (आदिवासियों के इष्ट देवता) को जैनियों के कब्जे से मुक्त कराने, भारत के सभी पहाड़ों को आदिवासियों को सौंपने, प्रकृति पूजाक धर्म “सरना धर्म” कोड की मान्यता को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान निर्णय लिया गया कि उक्त मांगों के समर्थन में सात फरवरी को चाईबासा में मशाल जुलूस निकाला जाएगा. जिसका नेतृत्व सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू करेंगे. तत्पश्चात पिलाई हॉल में एक जनसभा होगी. जनसभा को सालखन मुर्मू के अलावे केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू संबोधित करेंगी. इस कार्यक्रम में कोल्हान के तीनों जिले के अलावे उड़ीसा के मयूरभंज के जामदा ब्लॉक, बहालदा ब्लॉक, तिरींग ब्लॉक से सैकड़ो की संख्या में लोग शामिल होंगे.
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11 को मांगों को लेकर रेल चक्का जाम
आदिवासी सेंगेल अभियान के संयोजक बिमो मुर्मू ने बताया कि सेंगेल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू के अगुवाई में सरना धर्म कोड की मान्यता देने, मरांग बुरू को बचाने, झारखंड में संताली को प्रथम राजभाषा बनाने, असम और अंडमान के झारखंडी आदिवासियों को एसटी का दर्जा देने समेत अन्य मुद्दों को लेकर झारखंड, बिहार, बंगाल, असम, उड़ीसा, आदि राज्यों में 11 फरवरी को रेल/रोड चक्का जाम करेगा.बैठक में पूर्वी सिंहभूम जिला सेंगेल अध्यक्ष सीताराम माझी, सेंगेल परगना जूनियर मुर्मू, केंद्रीय संयोजक सोनाराम सोरेन, बिमो मुर्मू, मंगल पाड़ेया, अर्जुन मुर्मू आदि मौजूद थे.
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