Jamshedpur : बर्मामाइंस थाना क्षेत्र के दास बस्ती में चार अप्रैल 2018 को पांच साल की नैना के साथ दुष्कर्म करने और फिर हत्या कर देने के मामले में गुरुवार को एडीजे पांच संजय कुमार उपाध्याय की अदालत ने आरोपी ममेरा भाई विक्रम दास के खिलाफ सजा के बिंदु पर सुनवायी करते हुये आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. इसके अलावा उसपर 1000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. घटना के बाद बस्ती में खूब पंचायती हुई थी. मौके पर पहुंची पुलिस पर भी पथराव किया गया था. मुश्किल से पुलिस ने मामले को संभाला था. मामला सामने आते ही पुलिस ने शक के आधार पर आरोपी विक्रम को हिरासत में ले लिया था. बाद में लोगों के दबाव के कारण उसे छोड़ना पड़ा था, लेकिन जब सबकुछ साफ हो गया तब पुलिस ने उसे दबोच लिया था.
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थाने का भी किया था घेराव
घटना के बाद जब सबकुछ साफ हो गया था, तब पुलिस ने विक्रम को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. इस बीच बस्ती के लोग एकजुट हो गये थे और बर्मामाइंस थाने का ही घेराव कर दिया गया था. घंटों थाने का घेराव करने के बाद पुलिस ने उन्हें समझाकर वहां से हटाया था. बस्ती के लोग इस बात को मानने को तैयार ही नहीं थे कि विक्रम ऐसा कर सकता है.
पड़ोस में ही दिया था घटना को अंजाम
विक्रम ने दुष्कर्म और हत्या की घटना को घर के बगल में ही एक खाली पड़े क्वार्टर में अंजाम दिया था. पुलिस ने तब मामले में साफ किया था कि विक्रम पांच साल की नैना को पिछले दो माह से खाली पड़े क्वार्टर में लेकर जाता था और उसके साथ छेड़खानी करता था. घटना के दिन भी वह लेकर गया था. चिखने-चल्लाने की आवाज आने पर उसने नैना की चाकू से गोंदकर हत्या कर दी थी. इसके बाद फरार हो गया था. घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल से शव बरामद कर लिया था और तीन दिनों के बाद चाकू भी पास के ही झाड़ी से बरामद किया था.
दूसरे दिन खूब हुआ था बवाल
घटना के ठीक दूसरे दिन 5 अप्रैल को पीड़िता के खास-फुस के घर में देर रात आग लगी थी. तब बस्ती के लोगों ने खूब हंगामा किया था. घटना की जांच में जब बर्मामाइंस पुलिस पहुंची थी तब उनपर ही लोगों ने पथराव करके अपना रोष व्यक्त किया था. तब पुलिस भी यह नहीं समझ पा रही थी कि यह सब क्या और क्यों हो रहा है.
बिगड़ गयी थी विधि-व्यवस्था
आगजनी की घटना के बाद लोगों की मांग पर एसएसपी अनुप बिरथरे के आदेश पर पीड़िता के घर पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गयी थी. उसके बाद से वहां पर किसी तरह की अप्रिय घटना घटित नहीं हुई थी. घटना के बाद जांच में खुद एसएसपी मौके पर पहुंचे थे और लोगों से कहा था कि वे पुलिस को काम करने दें. हर हाल में आरोपी पकड़े जायेंगे. इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ था. लोगों ने पंचायती करने के बाद पुलिस को अल्टीमेटम भी दिया था.
घटना के बाद पुलिस को भी कर रहा था गुमराह
पांच साल की बहन की हत्या करने का बाद विक्रम पूरी तरह से नाटकीय रूप धारण किये हुये था. जब परिवार के लोग शव के पास गये तब वह भी गया था और रोने का नाटक भी करने लगा था. परिवार के लोग जब नैना को खोजने के लिये टाटानगर स्टेशन व आस-पास के क्षेत्रों में गये थे, तब वह भी पीछे-पीछे गया था. इस नाटकीय पहलु पर बर्मामाइंस पुलिस को घटना के बाद से ही आशंका थी और बाद में उसका भेद भी खुला और वह जेल भी गया.
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