Jamshedpur : जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) की ओर से गुरूवार को बर्मामाइंस स्थित बीपीएम प्लस-टू हाई स्कूल में लिगल लिट्रेसी क्लास का आयोजन किया गया. इसमें बाल विवाह निषेध अधिनियम पर डालसा के पैनल लॉयर संगीता कुमारी शर्मा एवं सुनील कुमार ओझा ने अपने विचार रखे. कक्षा नौ एवं दसवीं की छात्राओं को संबोधित करते हुए अधिवक्ता संगीता कुमारी शर्मा ने बाल विवाह की तुलना कच्चे घड़े में पानी भरने से की. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कच्चे घड़े में पानी भरने वह टूट जाता है. उसी प्रकार बाल विवाह करने से लड़कियों का दांपत्य जीवन सुखमय नहीं रहता है. कई प्रकार की बीमारियों का सामना उन्हें करना पड़ता है. यहां तक की जान पर भी बन आती हैं.
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बाल विवाह कानूनन अपराध : ओझा
छात्राओं को संबोधित करते हुए अधिवक्ता सुनील कुमार ओझा ने बताया कि कानून में बाल विवाह को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. बाल विवाह कराने वाले माता-पिता के अलावे मध्यस्थ, बाराती एवं उसमें शामिल सभी लोग दोषी ठहराएं जाएंगे. बाल विवाह निषेध अधिनियम में सजा एवं जुर्माना का भी प्रावधान हैं. उन्होंने छात्राओं से जागरूक एवं मुखर होकर इसका अपने घर एवं समाज में विरोध करने की अपील की. कार्यक्रम में स्कूल की प्राचार्या रंजीता गांधी ने छात्रों के लिए शिक्षाप्रद जानकारी साक्षा करने के लिए अधिवक्ताओं का धन्यवाद किया. मौके पर पीएलवी जयंत कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.
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